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Yamuna Authority की आवासीय भूखंड योजना विवादों में

Yamuna Authority

Greater noida।दस अक्टूबर को नोएडा के अधिक प्रमुख एक्सप्रो स्टोर में Yamuna Authority की आवासीय भूखंड योजना।एक बार फिर लॉटरी लगने जा रही है, लेकिन बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को लॉटरी से बाहर किए जाने के बाद से यमुना प्राधिकरण चर्चा में है।

इस योजना के तहत आवेदन करने वाले हजारों आवेदकों को लॉटरी प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा।जिससे वे खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।आपको बता दे कि यमुना विकास प्राधिकरण ने पांच जुलाई को एक आवासीय भूखंड योजना निकाली थी।जिसमें 120, 162, 200, 300, 1000 और 2000 वर्गमीटर के प्लॉट शामिल थे।इस योजना के लिए आवेदकों को तीन भुगतान विकल्प दिए गए थे।पहला विकल्प एकमुश्त भुगतान का, दूसरा विकल्प दो किश्तों में भुगतान का और तीसरा विकल्प किश्तों में धीरे-धीरे भुगतान का था।

Yamuna Authority की आवासीय भूखंड योजना विवादों में
Yamuna Authority की आवासीय भूखंड योजना विवादों में

तीन विकल्प देने के बावजूद भी लॉटरी प्रक्रिया में केवल पहले विकल्प को प्राथमिकता दी गई है।जिसकी वजह से हजारों आवेदकों को लॉटरी प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया।इससे आवेदक अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है।आवेदकों काआरोप है कि प्राधिकरण ने उनका पैसा तीन महीने तक ब्लॉक कर रखा है और अब उन्हें लॉटरी में भी शामिल नहीं किया गया।

आवेदकों का कहना कि जब पहले विकल्प वालों को ही प्राथमिकता दी जानी थी तो दूसरे और तीसरे विकल्प को शामिल ही क्यों किया गया।इतना ही नहींआरोप है कि Yamuna Authority ने अपनी वेबसाइट पर दिनांक 17सितम्बर को यह दावा किया था कि किसी आवेदक को अगर कोई आपत्ति है तो वो दिनांक 25सितम्बर का आपत्ति का निस्तारण कर दिया जायेगा।जिसके बाद 3 अक्टूबर को सफल आवेदकों की सूची लगा दी जाएगी।आवेदकों का कहना है कि उनकी आपत्ति का निस्तारण ना करके उनको लॉटरी प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया।

वही Yamuna Authorityके अधिकारियों ने बताया कि पहले विकल्प के तहत लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा आवेदक हैं। जिन्हें लॉटरी में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद ही दूसरे और तीसरे विकल्प वाले आवेदकों पर विचार किया जाएगा।तीसरे विकल्प में भुगतान करने वाले आवेदकों का शामिल होना लगभग असंभव माना जा रहा है।सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर प्राधिकरण ने उन आवेदकों को योजना में शामिल ही क्यों किया।जिसको वो लॉटरी प्रक्रिया में शामिल ही नहीं
कर सकती है।

आवेदकों के पैसे को तीन महीने तक अपने पासरख कर लोगों को गुमराह किया है।वैसे ये कोई पहला मामला नहीं इससे पहले भी Yamuna Authority पर 200 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लग चुका है।पूर्वी दिल्ली के पूर्व महापौर ने प्राधिकरण के सीईओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई है।आरोप है कि आवेदन की समय सीमा बढ़ाकर आईसीआईसीआई बैंक को करोड़ों रुपये का फायदा पहुंचाया गया है।

अब देखना है कि Yamuna Authorityयूही लाभ कमाकर आवेदकों कोरहेगी या फिर गुमराह करती रहेगी या फिर आवेदकों की समस्या का कोई समाधान हो पायेगा।

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