उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फरवरी में प्रस्तावित ग्राउंड बेकिंग
सेरेमनी (जीबीसी) के लिए नोएडा को 90 हजार करोड़ का टारगेट मिला था। जिसमें से नोएडा ने 60
हजार करोड़ का टारगेट अचीव कर लिया है और नोएडा से 93 कंपनियां ग्राउंड बेकिंग सेरेमनी में भाग
लेंगी। इन कंपनियों का दायित्व है कि पांच साल में निर्माण करेंगी और करीब 1.5 लाख का रोजगार
देंगी। हालांकि अब भी 40 हजार करोड़ का ग्राउंड तैयार करना बाकी है जिसके लिए नोएडा नए सेक्टरों
को विकसित कर रहा है।
फरवरी में इन्वेस्टर समिट के दौरान प्राधिकरण के साथ करीब 97 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश
प्रस्ताव के एमओयू हुए थे। इसमें से 90 हजार करोड़ के प्रस्ताव को जीबीसी में लाया जा रहा है। जिन
93 कंपनियों की बात हो रही है उनका प्लाट का आवंटन, नक्शा पास और अन्य कागजी कार्य लगभग
पूरे किए जा चुके है। इसमें प्राधिकरण के संस्थागत यानी आईटी/आईटीईएस 32 इकाई, इंडस्ट्री की 38
यूनिट, ग्रुप हाउसिंग की 11 और कॉमर्शियल की 12 इकाई शामिल हैं।
प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय खत्री ने बताया कि जीबीसी में इतना बड़ा ग्राउंड
तैयार करने वाला नोएडा पहला शहर है। ग्रांउड ब्रेकिंग में सबसे बड़ा निवेश दो कंपनियां कर रही है।
इसमें एक एम3एम है। ये कंपनी नोएडा में 7500 करोड़ का निवेश कर रही है। ये कंपनी नोएडा में
रेजिडेंशियल ऑफिस, रेटिल सर्विस देगी। इस निवेश से करीब 14 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके
अलावा इंजका कंपनी 4300 करोड़ का निवेश कर रही है। इससे 400 लोगों को रोजगार मिलेगा। नोएडा
में इसका काम शुरू भी हो चुका है।
बता दें कि कॉमर्शियल में कुल 12 कंपनियां आई हैं। ये कंपनियां नोएडा में आलीशान होटल, 1 सुपर
मार्ट, 1 इंडस्ट्रियल टाउन शिप, 3 कॉमर्शियल कंप्लैक्स, रेजिडेंशियल ऑफिस, रेंटल ऑफिस और रिटेल
शॉप के अलावा 4 रियल स्टेट के प्रोजेक्ट हैं। अधिकारियों के मुताबिक कई कंपनियां ऐसी हैं जो
डीएनजीआईआर में निवेश करना चाहती हैं। वहां जमीन अधिग्रहण और बुनियादी सुविधाओं के लिए बजट
में 1000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। हालांकि इसमें देरी हो सकती है। दरअसल, न्यू नोएडा का
मास्टर प्लान तो बन गया है लेकिन अभी आपत्ति और सुझाव के लिए पब्लिक डोमेन में है।
आपत्तियों केनिपटारा के बाद मास्टर प्लान के अनुसार काम शुरू किया जाएगा।