इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम राजनीतिक दल अनुचित ढंग से धनराशि अर्जित कर रहे
नोएडा।आज आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर के दिशा निर्देश पर पार्टी के नोएडा जिला अध्यक्ष पंडित यतेंद्र शर्मा, जिला महासचिव प्रकाश चंद वर्मा,
जिला महासचिव योगेश शर्मा, जिला उपाध्यक्ष राजवीर शर्मा,जिला सचिव मंगल सिंह, श्यामसुंदर,राहुल शर्मा और विशाल कुमार आदि ने जिलाधिकारी कार्यालय गौतम बुध नगर में जाकर 16518 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित किए जाने के परिणाम स्वरूप जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया।
प्रत्यावेदन में कहा गया कि विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर अनुचित ढंग से अर्जित की गई धनराशि को भारतीय राजकोष में जमा करें।सुप्रीम कोर्ट के आदेश और टिप्पणी से अर्थ निकलता है कि उक्त इलेक्टोरल बॉन्ड निश्चित रूप से सरकार ने सरकारी तंत्र का अनुचित प्रयोग करते हुए अनुचित लाभ प्राप्त किया है।इस सब के परिणाम स्वरूप आजाद अधिकार सेना राष्ट्रपति से मांग करती है कि इस प्रकार के बांड प्राप्त करने वालों को तत्काल उक्त धनराशि राजकोष में वापस किए जाने हेतु समुचित निर्देश निर्गत करें।
क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड?
भारत सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की घोषणा 2017 में की थी। इस योजना को सरकार ने 29 जनवरी 2018 को कानूनन लागू कर दिया था।आसान भाषा में इसे अगर हम समझें तो इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय जरिया है। यह एक वचन पत्र की तरह है जिसे भारत का कोई भी नागरिक या कंपनी भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं से खरीद सकता है और अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को गुमनाम तरीके से दान कर सकता है।