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सरस मेले में दूसरे दिन गुजरात के कलाकारों ने डांडिया के माध्यम से समा बांधा

नोएडा। सैक्टर-33 ए स्थित नोएडा हाट में आयोजित सरस आजीविका मेले में दूसरे दिन शनिवार को भारी संख्या में खरीदारों की भीड़ उमड़ी।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2024 में ग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। एनआईआरडीपीआर के सहायक निदेशक चिरंजीलाल कटारिया ने बताया कि सरस मेले में दूसरे दिन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहायक सचिव चरनजीत सिंह ने यहाँ पहुंचकर मेले का जायजा लिया। श्री सिंह ने सभी राज्यों की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी दीदियों से उनके कारोबार के विषय में जानकारी ली तथा उनकी समस्याओं को सुना।

केंद्र सरकार के सरस आजीविका मेले का आयोजन प्रतिवर्ष देशभर के सभी राज्यों में किया जाता है। इसी कड़ी में नोएडा में यह चौथा आयोजन है। मेले में शनिवार को विकास विशान्ति तथा ऊषा किरण एनजीओ के करीब 150 बच्चों ने पेंटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इसके साथ ही गुजरात के कलाकारों ने डांडिया के माध्यम से समा बांध दिया।


16 फरवरी से 04 मार्च 2024 तक चलने वाले इस उत्सव में नोएडा के नोएडा हाट में मौजूद क़रीब 29 राज्यों के 400 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, जो परंपरा, हस्तकला एवं ग्रामीण संस्कृति तथा स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं, इसके साथ ही 85 से ज्यादा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।

स्थानीय स्तर पर भी मेले में इस बार हैंडलूम तथा हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल किए गए है, जो लोगों को आकर्षित कर रहे हैं । बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी यहाँ संसाधन मौजूद हैं । दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की गयी हैं। इंडिया फूड कोर्ट सरस आजीविका मेले में आकर्षण का केंद्र बन रहा है । जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों के व्यंजन परोसे जा रहे हैं ।

इस बार महत्त्वपूर्ण इंडिया फ़ूड कोर्ट में देश भर के 20 राज्यों की 80 गृहणियों के समूह ने अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टाल लगाए हैं जिसमें हर प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों के स्वाद का अनोखा आनंद बड़ा रहा है । राजस्थानी कैर सागरी गट्टे की सब्ज़ी से लेकर बंगाल की फ़िश करी, तेलंगाना का चिकन, बिहार की लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग व मक्के की रोटी, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, हरियाणा के बाजरे व ज्वार के लड्डू बिस्कुट, कर्नाटक व जम्मू कश्मीर के ड्राई फ्रूट सहित पूरे भारत के पकवान यहाँ मौजूद हैं।

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