भू-माफियाओं ने साजिश के तहत वंशानुगत जमीन पर कब्जा कर लिया
Noida: नोएडा के गढ़ी चौखंडीगांव में फर्जी तरीके से करोड़ों रुपये की जमीन दाखिल करने का मामला सामने आया है. दावा किया जा रहा है कि भू-माफियाओं ने साजिश के तहत वंशानुगत जमीन पर कब्जा कर लिया है, जहां कुछ लोगों ने धोखे से रजिस्ट्री तथा दाखिल ख़ारिज करवा लिया है
इस जमीन की बाजारी कीमत करीब 80 करोड रुपए बताई जाती हैlपुलिस के उच्च अधिकारिओं से मिलने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं हुयी है।वही जिला प्रशासन भी मूकदर्शक बना हुआ है।आपको बता दे कि नोएडा के गढ़ी चौखंडी निवासी तथा सीएजी विभाग से सेवानिवृत राजपत्रित अधिकारी रतनपाल सिंह यादव ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा किगढ़ी चौखंडी के खसरा संख्या 115 में उनके परिवार की दादा लाई जमीन है तथा सैकड़ो साल से उनका पुश्तैनी कब्जा है।
कुछ भूमाफियाओं ने मेरे सगे भतीजे प्रमोद यादव व विनोद यादव पुत्र स्वर्गीय नानक चंद्र यादव की आठ बीघा जमीन के कूट रचित फर्जी अभिलेख तैयार करके 16 लोगों के नाम बैनामा कर दिया है।उन्होंने बताया कि यह बैनामा मामूरा गांव के महेश कुमार, विशाल चौहान, विकास चौहान, योगेंद्र कुमार, निखिल चौहान, दिल्ली निवासी सुरेंद्र कुमार गीता देवी,सलोनी, रविंद्र कुमार युद्धवीर, प्रवीण यादव, अशोक यादव और मोदी राम के नाम करवाये है।
रतनपाल यादव ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2023 में जब उन्हें इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होने उप जिलाधिकारी दादरी तथा पुलिस आयुक्त को लिखित में शिकायत दी तथा फर्जी बैनामा करके जमीन हड़पने वालों के खिलाफ 21 फरवरी 2024 को थाना फेज तीन में एफआईआर भी दर्ज भी करवाई परंतु अभी तक पुलिस द्वारा सभी नामजद आरोपियों में से किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।

पुलिस ने मामले को दबाने के लिए फर्जी तरीके से राजेश तथा राजू नामक मामूली व्यक्तियों को गिरफ्तार करके औपचारिकता पूरी कर ली।उन्होंने आरोप लगाया कि तहसीलदार ने फर्जी बैनामे के एक हफ़्ते में दाखिल खारिज भी करने के आदेश पारित कर दिए। तहसीलदार को कई बार शिकायत की गयी पर अभी तक ना तो उन्होंने गैरकानूनी आदेशों को कानूनन निरस्त किया किया है और ना ही किसी भी दोषी कर्मचारियो के खिलाफ कोई कार्रवाई की।उन्होंने बताया कि उनके भतीजे प्रमोद तथा विनोद के नाम से 17 जुलाई 2023 से 4 अक्टूबर 2023 के बीच कुल बैनामे किए गए हैं जिनमें से 13 बेनामों के संबंध में उन्हें जानकारी मिली है।
इस मामले में विनोद या प्रमोद को बिना कोई जानकारी है नोटिस दिए गए फर्जी तरीके से दूसरे गांव में वाद दर्ज कर दाखिल खारिज किया। उन्होंने कहा कि दाखिल खारिज के लिए कम से कम 30 दिन के समय सीमा होती है लेकिन इस मामले में एक-एक हफ्ते में दाखिल खारिज के आदेश पारित कर दिए गए।इससे मामले में भूमाफिया के साथ तहसील के कर्मचारियों के भी सीधी तौर पर मिली भगत स्पष्ट है।उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी से लेकर पुलिस के बड़े अधिकारियों तक शिकायत की लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई ना ही किसी की गिरफ्तारी की गई है
रतनपालसीन ने चेतावनी कि यदि जिले स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
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