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गौतमबुद्ध नगर में डीएम ने दिए जांच के आदेश,किसान आंदोलन के बीच किसान नेता पर एफआईआर, दूसरे के खिलाफ अवैध सम्पति की जांच शुरू

पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में भाकियू टिकैत आज
ट्रैक्टर मार्च निकाल रही है।

वहीं दूसरी तरफ गौतमबुद्ध नगर में दो बड़े किसान नेताओं के खिलाफ
एक्शन लिया गया है। नोएडा में सुखबीर खलीफा और ग्रेटर नोएडा में पवन खटाना के खिलाफ एक्शन
लिया गया है। दोनों किसान नेताओं की समस्या बढ़ने वाली है, जहां एक तरफ सुखबीर खलीफा के
खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया तो वहीं दूसरी तरफ ग्रेटर नोएडा में पवन खटाना के खिलाफ अवैध
संपत्ति की जांच शुरू हो गई है।

जांच के आदेश जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने दिए हैं। जिसमें
किसान नेता सुखवीर खलीफा समेत 750 किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा
गंभीर धारों में दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों
को बंधक बनाया और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का भी अपमान किया। यह मुकदमा फेस-1 कोतवाली में दर्ज
किया गया।

आपको बता दें कि सुखबीर खलीफा और उसके साथियों पर मुकदमा नोएडा प्राधिकरण के एक अधिकारी
अरुण वर्मा ने दर्ज कराया। अरुण वर्मा ने पुलिस को बताया कि वह प्राधिकरण में अवर अभियंता के रूप
में कार्य कर रहे हैं। बीते दिनों किसान नेता सुखबीर खलीफा और उनके साथियों ने प्राधिकरण पर हंगामा
किया। हंगामे के दौरान इन लोगों ने मुख्यालय के गेट पर ताला लगा दिया। उसके बाद नोएडा अथॉरिटी
के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस दौरान किसानों के हाथ में तिरंगा भी था, जिसका लोगों ने
अपमान किया। अरुण वर्मा ने यह शिकायत फेस वन कोतवाली में दी।

ग्रेटर नोएडा में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना के खिलाफ जिलाधिकारी (डीएम)
मनीष कुमार वर्मा ने जांच के आदेश दिए हैं। पवन खटाना पर आरोप है कि उन्होंने करीब 100 करोड़
रुपए की भूमि पर गोलमाल किया है। पवन खटाना के अलावा उनके भाई के खिलाफ भी शिकायत है।
इसके बाद जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इसमें एक टीम का गठन किया
गया, जिसमें एसडीएम दादरी, उप-जिलाधिकारी सदर और एसीपी को शामिल किया गया है।

सलारपुर गांव के निवासी संजय कुमार ने शिकायत देते हुए कहा, “पवन खटाना, उसके भाई कोशिंदर,
ब्रह्मपाल कसाना, विवेक कसाना, महेश और लेखराज ने करीब 100 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति को
गोलमाल किया है। इन लोगों ने यमुना प्राधिकरण की खसरा संख्या 28 ग्राम मिर्जापुर की भूमि पर
अवैध रूप से कब्जा कर लिया। उसके बाद इन जमीन को बेचकर दूसरों के नाम पर करवा दिया। इस
तरीके से करीब 100 करोड़ रुपए का गोलमाल हुआ है।”

किसान आंदोलन

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