डीएम मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिला भूगर्भ जल प्रबंधन समिति की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में भूगर्भ जल अधिकारी अंकित राय ने जिलाधिकारी को अवगत कराया की विभागीय पोर्टल पर कल 52 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनके सापेक्ष जिला भूगर्भ जल प्रबंधन समिति के द्वारा प्राधिकरणों की आख्या प्राप्त होने के उपरांत आवेदनों को स्वीकृत किया जायेगा, 13 आवेदन को अस्वीकृत किया गया तथा 09 आवेदनों को राज्य प्राधिकरण को अग्रसारित किए जाने का निर्णय लिया गया।
जिलाधिकारी ने जनपद में भूजल का अधिकतम संरक्षण सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जनपद स्तरीय टास्क फोर्स को निर्देशित किया कि जनपद में अभी तक भूगर्भ जल प्रयोजन के लिए जारी हो चुके अनापत्ति प्रमाण पत्र के सापेक्ष औद्योगिक, इंफ्रास्ट्रक्चर, कमर्शियल तथा सामूहिक उपभोक्ताओं द्वारा भू जल संरक्षण एवं पुनर्भरण के लिए रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का परिसर में निर्माण, तालाबों का जीर्णोद्धार के लिए की जा रही गतिविधियों के संबंध में सभी से रिपोर्ट प्राप्त की जाए और यदि अनापत्ति प्रमाण प्राप्त करने के बावजूद उनके द्वारा वाटर रिचार्ज को लेकर यदि कोई गतिविधि नहीं की जा रही तो संबंधित का अनापत्ति प्रमाण पत्र निरस्त की जाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही रेजिडेंस सोसाइटी, अपार्टमेंट सरकारी भवनों, कार्यालय आदि में भी वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चरों की स्थिति की गहन समीक्षा की जाए।
जिलाधिकारी ने भूगर्भ विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि भूगर्भ जल संरक्षण को और अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों को भी तालाबों के पुनर्भरण एवं जीर्णोद्धार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
जिलाधिकारी द्वारस भूगर्भ जल विभाग के अधिकारियों को अवैध प्लान्ट संचालकों पर दो लाख रूपये जुर्माना व मेफेयर रेजिडेंसी टेक जोन 4 पर प्राथमिकी दर्ज करने तथा सिक्का कामना ग्रीन्स सेक्टर 143 में अवैध भूजल दोहन के संबंध में 5 लाख का जुर्माना लगाने के लिए निर्देशित किया गया है। सेक्टर 75 के फ्यूटेक तथा गार्डन गैलेरिया हाउसिंग सोसायटी पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के निर्देश दिये गये है। अवैध भूजल निष्कर्षण के लिए कुल जुर्माना 23 लाख रुपये लगाया गया। जिलाधिकारी ने भूगर्भ विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि जनपद वासियों को जल सरंक्षण के लिए जागरूकत करने के उद्देश्य से जागरूकता गोष्ठी का आयोजन निरन्तर स्तर पर कराया जायें।