गेझा तिलपता गांव में कथित तौर पर फर्जी तरीके से करोड़ों रुपये के
मुआवजा वितरण के 11 मामलों में थाना फेज-वन में प्राधिकरण के अधिकारियों सहित कई अन्य के
खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) हरिश चंद्र ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के विधि अधिकारी सुशील भाटी
ने इस मामले में थाना फेज-वन में दिलीप सिंह, भुल्लर, गोपी, विद्यावती, सोहनलाल, रामरिक, महेंद्र
राम, हंसराज, राम रतन, हो राम व प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों को नामजद करते हुए मामला दर्ज
कराया है।
उन्होंने बताया कि आरोप लगाया गया है कि वर्ष 2015-16 में बांटे गए मुआवजे में प्राधिकरण के
अधिकारियों ने मिलीभगत करके 11 मामलों में भूमि मालिकों को गलत तरीके से मुआवजे का लाभ
दिया। उन्होंने बताया कि दर्ज किये गए मामले में प्राधिकरण के विधि विभाग के कई अधिकारी भी
नामजद किये गए हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में प्राधिकरण के अधिकारियों पर धोखाधड़ी सहित
भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा भी लगाई गई है।
चंद्र ने बताया कि इस मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही है। उन्होंने बताया
कि मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश के राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष, मेरठ के आयुक्त और अपर पुलिस
महानिदेशक, मेरठ के नेतृत्व में एक दल का गठन किया गया था। उन्होंने बताया कि एसआईटी के
अधिकारियों ने तीन दिन तक फाइल खंगालीं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरा मामला झूठे तथ्यों के आधार पर मुआवजे के वितरण का है जिसमें बिना
जांच के फाइल आगे बढ़ती रही और मुआवजा बंटता रहा। सभी मामलों में भूमि मालिकों ने प्राधिकरण
में झूठी अपील संख्या और अन्य तथ्य प्रस्तुत करते हुए मुआवजे की मांग की।