नोएडा प्राधिकरण की हेलीपोर्ट योजना का दूसरी बार निकाला गया टेंडर
भी रद्द हो गया है। अब तीसरी बार इसका ग्लोबल टेंडर निकाला जाएगा, जिसके लिए फिर से नोटिंग
तैयार की जाएगी।
दरअसल, टेक्निकल बिड खुलने के बाद फाइनेंशियल बिड खुलने के बीच 180 दिन का समय होता है।
प्रक्रिया 210 दिन में भी पूरी नहीं हो सकी। दो बार जारी हुए ग्लोबल टेंडर में एक ही कंपनी आई थी।
अब उसे और अन्य कंपनियों को लंबा इंतजार करना होगा।
नोएडा के सेक्टर 151ए में हेलीपोर्ट के निर्माण में 43.13 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं। इसका डिजाइन
बेल 412 (12 सीटर) के अनुसार तैयार किया गया है। हेलीपोर्ट में 5 बेल 412 के पार्किंग एप्रान की
सुविधा दी जानी है। इस हेलीपोर्ट में वीवीआईपी या आपातकाल के समय 26 सीटर एमआई 172 भी
उतारा जा सकेगा। यहां से नोएडा वासियों को चार धाम की यात्रा कराने का प्रस्ताव भी है।
फिलहाल की योजना के लिए अभी नोएडा वासियों को लंबा इंतजार करना होगा। हेलीपोर्ट की
फाइनेनशियल बिड को इस हफ्ते शासन स्तर से मंजूरी मिलनी थी। इसके लिए लखनऊ में बैठक होनी
थी। टेंडर प्रक्रिया में सिर्फ एक कंपनी रिफैक्स एयरपोर्ट एवं ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड आई हुई थी।
प्राधिकरण की ये बड़ी परियोजना है, ऐसे में शासन स्तर पर गठित कमेटी के सामने ही फाइनेनशियल
बिड खोली जानी थी। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं।
बैठक कैंसिल होने के बाद अब प्राधिकरण ने टाइम पीरियड का हवाला देते हुए इसके टेंडर को रद्द कर
दिया है। हेलीपोर्ट को पीपीपी मॉडल पर बनाया जाना था। 31 दिसंबर 2021 को हेलीपोर्ट के लिए ग्लोबल
टेंडर जारी किए गए थे।
31 मार्च 2022 को टेक्निकल बिड खोली गई। जिसमें रिफैक्स एयरपोर्ट एवं ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड
कंपनी आई थी। इससे पहले भी परियोजना के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किए गए थे। उसमे भी यही
कंपनी आई थी।