शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE)
Noida: शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत बच्चों का चयन नहीं करने के लिए 12 निजी स्कूलों को दोषी मानते हुए जिला प्रशासन इन स्कूलों को नोटिस भेजेगा और उनकी प्रतिक्रिया मांगेगा। जिसके बाद उनकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है. इसमें लोकेल जस्टिस ने प्रतिनिधि संग्रहकर्ता की अध्यक्षता में एक परिषद शामिल की है।
जो स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब तलब करेगी।आपको बता दे कि केंद्र सरकार की हर बच्चों को शिक्षित करने की योजना आरटीई के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों दाखिला होता है। इसमें लॉटरी के माध्यम से बच्चों को स्कूलों का आवंटन किया जाता है।लेकिन निजी स्कूल अपने निजी लाभ के लिए आरटीई के तहत बच्चों का दाखिला नहीं कर रहे है।ऐसे 12 निजी स्कूलों की जानकारीबीएसए ने जिलाधिकारी को सौंपी है।
जिसमें बताया है कि इन स्कूलों को कई बार नोटिस जारी कर चेतावनी दी जा चुकी है।वही बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार ने बताया कि दाखिला नहीं देने वाले 12 स्कूलों की मान्यता रद्द् करने की कार्रवाई की जाएगी।इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।डिप्टी कलेक्टर वेद प्रकाश पांडेय कमेटी के अध्यक्ष होंगे।जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी आशीष कुमार और कुमारी मायावती राजकीय कन्या इंटर कालेज की प्राचार्य छवि सिंह सदस्य होंगीं। स्कूलों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब तलब किया जाएगा।
उसके बाद शासन को स्कूलों की मान्यता रद्द् करने का पत्र भेजा जाएगा। इन 12 स्कूलों में छह स्कूलों ने RTE के तहत एक भी दाखिला नहीं दिया हैं।इन स्कूलों में कुल 228 में से 194 बच्चे चार माह बाद भी पढ़ाई शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
इन स्कूलों की रद्द होगी मान्यता
बाल भारती पब्लिक स्कूल नोएडा, दिल्ली पब्लिक स्कूल ग्रेटर नोएडा वेस्ट, द मिलेनियम स्कूल नोएडा, रामाज्ञा स्कूल नोएडा, समसरा द वर्ल्ड एकेडमी ग्रेटर नोएडा, राघव ग्लोबल स्कूल नोएडा, दरबारी लाल फाउंडेशन वर्ल्ड स्कूल ग्रेटर नोएडा, शिव नादर स्कूल नोएडा, संस्कार रोजा जलालपुर, फार्चून वर्ल्ड स्कूल नोएडा, आर्मी पब्लिक स्कूल नोएडा और आक्सफोर्ड ग्रीन पब्लिक स्कूल ग्रेटर नोएडा पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई होगी।
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