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किसान एकता संघ के हजारों कार्यकर्ताओं ने छोड़ा संगठन, तानाशाही रवैया बना कारण

किसान एकता संघ

Noida. किसान एकता संघ एसोसिएशन की कुछ अस्वीकार्य रणनीति और दबंग मानसिकता के कारण अनगिनत मजदूरों ने एसोसिएशन छोड़ने का फैसला किया है। मजदूरों ने इस बात की पुष्टि की है कि एसोसिएशन को निजी उद्यम की ओर ले जाया जा रहा है.

वही कार्यकर्ताओं को अपमानित भी किया जाता है।बता दे कि यह कोई पहला मामला नहीं किसान एकता संघ संगठन पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके है।आपको बता दे कि किसानों की मांगों को पूरी करवाने के उद्देश्य से किसान एकता संघ का गठन किया गया था।लेकिन धीरे धीरे इस संगठन ने अपने निजी लाभ के लिए अपने सिद्धांतो को समझौता कर लिया।ऐसा कहना है संगठन के कार्यकर्ताओं का। नाराज कार्यकर्ताओं ने आज मंगलवार को ग्रेटर नोएडा के अट्टा गुजरान गांव में अरविंद सेक्रेटरी के आवास पर एक बैठक आयोजित की।जिसमें सर्व सम्मति से किसान एकता संघ संगठन को छोड़ने का निर्णय लिया गया।

किसान एकता संघ
किसान एकता संघ

कार्यकर्ताओं ने संगठन की गलत नीति व तानाशाही रवैया अपनाने, कार्यकर्ताओं को अपमानित करने तथा संगठन को पूंजीवाद की तरफ अग्रसर होने का आरोप लगाया।बताते चले कि राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रमेश कसानासहित अन्य कार्यकर्ता युवा प्रदेश अध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेशअरविंद सेक्रेटरी,राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ओमवीर समसपुर,प्रदेश सचिव रवि नागर,महानगर अध्यक्ष राकेश चौधरी,मेरठ मंडल सचिव मनवीर नागर,मेरठ मंडल उपाध्यक्षडॉ जाफर,जिला प्रभारी युवाअमित नागर,तहसील उपाध्यक्षनीरज कसाना सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने संगठन से अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रमेश कसाना ने बताया कि आज के बाद से उक्त सभी लोगों का किसान एकता संघ से कोई लेना देना नहीं होगा। जल्द ही एक नए संगठन की घोषणा की जायेगी।

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