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UP RERA के इस फैसले से बिल्डर नही कर सकेगा प्रोजेक्ट के पैसे का गलत उपयोग

UP RERA अब वित्तीय संस्थाओं से भी रियल एस्टेट परियोजनाओं से संबंधित बैंक खातों की सूचनाएं प्राप्त करेगा
UP RERA  ने रियल एस्टेट परियोजनाओं से संबंधित बैंकिंग प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ एवं पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ी पहल की है। अब उ.प्र. रेरा को परियोजनाओं के बैंक खातों की सूचना उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी प्रोमोटर्स के साथ-2 वित्तीय संस्थानों एवं बैंकों की भी होगी। प्राधिकरण द्वारा इसके लिए एक गाइडलाइन भी निर्मित की जा रही है जिसका क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने हेतु इसे स्टेट लेवल बैंक कमेटी (एसेलबीसी) को भेजा जाएगा।
UP RERA  की मानक निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत किसी परियोजना के लिए प्रोमोटर को तीन बैंक खाते खोलने होते हैं: कलेक्शन अकाउंट, सेपरेट अकाउंट और एकस्पेंडीचर अकाउंट तथा पूर्व प्रक्रिया के अनुसार प्रोमोटर द्वारा इन तीनों बैंक खातों की जानकारी रेरा पोर्टल पर अपलोड की जाती है। इसका उद्देश्य प्रोमोटर्स द्वारा बैंक खातों में परियोजना समबधित जमा धनराशि का रेरा अधिनियम के अनुरूप, 70 प्रतिशत धनराशि परियोजना के निर्माण व विकास में तथा शेष अन्य खर्चों हेतु, इस्तेमाल कराना सुनिश्चित करना था।
 प्राधिकरण द्वारा की गई समीक्षा के अनुसार अभी भी कई प्रोमोटर्स द्वारा सभी बैंक खातों की जानकारी अपलोड नहीं की जा रही है। प्रोमोटर्स द्वारा रेरा को बैंक खातों की जानकारी उपलब्ध न कराना रेरा अधिनियम के उद्देश्यों के प्रतिकूल है। लेकिन अब उ.प्र. रेरा ने प्रोमोटर्स पर निर्भरता की सीमा से आगे बढ़ते हुए वित्तीय संस्थाओं को जिम्मेदारी दे दी हैं। इसमे प्रोमोटर बैंक में सभी तीन बैंक खाते खोलने के साथ वित्तीय संस्थान व बैंक को स्थायी सलाह (स्टैन्डींग एडवाइस) भी देगा कि प्रॉजेक्ट के कलेक्शन अकाउंट में धनराशि आते ही 70 प्रतिशत स्वतः सेपरेट अकाउंट में और शेष  एकस्पेंडीचर अकाउंट हस्तान्तरित कर दी जाए।
इसके अलावा बैंक खातों और स्थायी सलाह की एक प्रमाणित प्रतिलिपि प्रोमोटर द्वारा रेरा को उपलब्ध कराई जाए, जिसे रेरा वित्तीय संस्थानों से क्रॉस वेरीफाई करेगा। इस प्रकार परियोजना से जुड़े वित्तीय व्यवस्था को रेरा अधिनियम के अनुकूल बनाया जाएगा। ज्ञातव्य है कि वित्तीय संस्थान रियल एस्टेट क्षेत्र के एक महत्वपूर्ण हितधारक हैं और प्रोमोटर्स द्वारा रेरा अधिनियम का पालन कराने में इनकी अहम भूमिका है। 
 UP RERA अध्यक्ष श्री संजय भूसरेड्डी ने बताया कि “प्रोमोटर द्वारा परियोजना के बैंक खातों की सूचना रेरा को उपलब्ध कराने का उद्देश्य परियोजना के निर्माण में उपयोग की जा रही राशि, उसके लेन देन और व्यय के विवरण को पारदर्शी रखना है। किसी परियोजना के लिए यह अति आवश्यक है कि परियोजना के लिए एकत्र की जाने वाली धनराशि प्रोमोटर द्वारा केवल उसी परियोजना में निर्माण व विकास में उपयोग की जाय। इस प्रयास का प्रतिफल हमें निकट भविष्य में देखने को मिलेगा। प्रोमोटर और बैंक दोनों के माध्यम से बैंक खातों का अभिलेख प्रस्तुत होने से परियोजना संबंधी बैंकिंग को पारदर्शी बनाने का उद्देश्य भी पूर्ण हो पायेगा।”
शीघ्र ही यह पहल अपना मूर्त रूप धारण कर सफलता पूर्वक क्रियांवयित हो जायेगीl इसके अलावा जिन प्रोमोटर्स ने अभी तक तीनों बैंक खातों की जानकारी अपलोड़ नहीं की है उनसे नोटिस जारी करके शीघ्र जानकारी देने को कहा जा रहा है।
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