केंद्र सरकार के नये कानून में हिट एंड रन के मामलों में सख्त सजा
के प्रावधानों के खिलाफ ट्रक व निजी बसों चालकों की तीन दिवसीय हड़ताल का, दूसरे दिन मंगलवार को गौतमबुद्ध नगर में व्यापक असर दिखा।
हड़ताल के कारण लंबी दूरी के यात्री सबसे ज्यादा परेशान दिखे जिन्हें ठंड में बस के लिए घंटों इंतजार
करना पड़ा। उत्तर प्रदेश रोडवेज के कई चालकों के हड़ताल में शामिल होने से यात्रियों की परेशानी और
बढ़ गई। हड़ताल करने वाले बस और ट्रक चालकों ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार को
हड़ताल के चलते लंबी दूरी की एक भी बस दिखाई नहीं दी। पूर्वांचल के जनपदों के साथ-साथ अलीगढ़,
मथुरा और आगरा जाने वाले लोगों को भी बसों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।
ट्रांसपोर्टरों के विभिन्न संगठनों के संयुक्त मोर्चा अध्यक्ष चौधरी वेदपाल ने बताया जब तक सरकार यह
कानून वापस नहीं लेती, तब तक ट्रांसपोर्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। आज शाम तक हम बैठक
करके इस पर कोई ठोस निर्णय लेंगे। जल्द ही पूर्ण रूप से चक्का जाम की घोषणा की जाएगी।
हड़ताल के चलते रोडवेज के कुछ ड्राइवर भी ड्यूटी पर नहीं आए। कर्मचारियों की उपलब्धता के मुताबिक
बसें संचालित की गईं। फिर भी ज्यादातर रूट प्रभावित हैं। निजी बस चालकों की हड़ताल का असर क्षेत्र
के दादरी, दनकौर, बिलासपुर, रबूपुरा और जेवर क्षेत्र में भी दिखा।
भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक
की सजा का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद
पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं।
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