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टीबी मुक्त पंचायत व फैमिली केयर गिवर मॉड्यूल पर प्रशिक्षण

नोएडा।पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर स्वास्थ्य विभाग पंचायतों को टीबी मुक्त बनानेकी योजना को धरातल पर उतारने जा रहा है । इसके तहत शुक्रवार को मास्टर ट्रेनर्स को एक दिवसीय प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में प्रदान किया गया। जिला पंचायती राज विभाग से ब्लॉक वार एक -एक प्रतिनिधि के अलावा क्षय रोग विभाग से वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस), वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक (एसटीएलएस) टीबीएचवी को स्टेट ऑर्ब्जवर/ मास्टर ट्रेनर डा. दिनेश बालिंग ने प्रशिक्षण दिया।

डा. दिनेश बालिंग ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि किस तरह स्वास्थ्य विभाग और पंचायती राज विभाग को मिलकर काम करना है। उन्होंने मास्टर ट्रेनर्स को टीबी मुक्त पंचायत व फैमिली केयर गिवर मॉड्यूल के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा -पंचायत की विकास योजनाओं में टीबी मुक्त पंचायत की गतिविधियों को शामिल किया जाए। पंचायती राज विभाग के साथ मिलकर टीबी के खिलाफ जनांदोलनछेड़ा जाए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने कहा- अभियान को सफल बनाने के लिए टीबी कीजांच बढ़ानी होगी। जितनी ज्यादा जांच होगी उतने ही टीबी रोगी सामने आएंगे। उन्होंने निक्षय पोषण योजना के तहत दी जाने वाली राशि को हर लाभार्थी तक (डीबीटी) पहुंचाने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कुछ लोग निजी दवा विक्रेताओं से टीबी की दवा खरीदते हैं, विभाग के पास इसका भी डाटा होना चाहिए।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि जनपद में जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक गांव को टीबी मुक्त करने के लिए जांच और उपचार की व्यवस्था को दुरुस्त करना है। एक वर्ष में प्रत्येक 1000 की आबादी पर 30 संभावित मरीज खोज कर जांच करनी है। उन्होंने बताया-शासन से मिले निर्देश के मुताबिक टीबी मुक्त पंचायत और फैमिली केयर गिवर तैयार करने के लिए हर टीबी यूनिट से एक कर्मचारी, एक जनरल हेल्थ से और पंचायती राज विभाग का एक कर्मचारी शामिल है। जनपद में कुल नौ टीबी यूनिट काम कर रही हैं। उन्होंने बताया शासन से प्राप्त निर्देशों के मुताबिक क्षय रोगी के परिवार या करीबी लोगों में से ऐसे व्यक्ति की पहचान की जाएगी जो उसे उपचार प्राप्त करने में मदद कर सके, उसकी देखभाल कर सके, रोगी के लिए जरूरी पोषण का ध्यान रख सके। ऐसे व्यक्ति को फैमिली केयर गिवर (प्राथमिक देखभाल कर्ता) कहा जाएगा।

फैमिली केयर गिवर को क्षय रोगी के साथ अस्पताल जाना होगा, जहां स्वास्थ्य कर्मी उसे क्षय रोग के उपचार के बारे में विस्तार से बताएंगे और साथ ही इस बात का भी प्रशिक्षण देंगे कि रोगी की दवाओं और उनके असर का उसे किस प्रकार से ध्यान रखना है। यह भी बताया जाएगा कि टीबी की दवाओं के साथ अच्छा पोषण जरूरी होता है। रोगी को भोजन में क्या-क्या देना चाहिए। फैमिली केयर गिवर समुदाय में टीबी के प्रति जागरूकता और जानकारी बढ़ाने में भी क्षय रोग इकाई की मदद करेंगे।

इस अभियान के पहले चरण में जिला स्तरीय प्रशिक्षक ब्लॉक स्तर पर ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत मित्र, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे। प्रशिक्षण लेने के बाद यह लोग समुदाय को टीबी के लक्षण, रोकथाम, भ्रांतियों को दूर करने, उपचार, जांच और उपलब्ध सुविधाओं समेत टीबी रोगियों के लिए सरकार की ओर से प्रदान किये जाने वाले विभिन्न लाभों के बारे में जागरूक करेंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंचायती राज विभाग से एडीओ दादरी ओम प्रकाश सिंह, एडीओ बिसरख विजय आनंद भट्ट, क्षय रोग विभाग से डीपीटीसी लल्लन सिंह, डीपीपीएमसी पवन भाटी, एसटीएलएस रविंद्र राठी, एसटीएलएस बिजेंद्र पाल, एसटीएस बृजपाल सिंह सहित राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) की जिले की टीम प्रमुख रूप से मौजूद रही।

टीबी

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