राष्ट्रीय राजधानी की ओर किसानों के विरोध मार्च के मद्देनजर मंगलवार
को दिल्ली से लगती नोएडा की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई और वाहनों की जांच बढ़ा दी गई जिससे क्षेत्र में यातायात प्रभावित हुआ।
किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर एक कानून लागू करने
सहित अपनी मांगों के दबाव में दिल्ली तक मार्च करने का प्रस्ताव रखा है। प्रदर्शनकारी किसानों के समूह
में बड़े पैमाने पर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं। उत्तर प्रदेश में दिल्ली की सीमाएं
नोएडा और गाजियाबाद से लगती हैं जो अक्सर राज्य के प्रदर्शनकारियों के धरने का केंद्र रही हैं। किसानों
को राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने यहां कहा, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विभिन्न किसान समूहों ने अपनी मांगों
को लेकर आज (मंगलवार) दिल्ली तक मार्च का प्रस्ताव रखा है। इसके मद्देनजर दिल्ली के साथ नोएडा
की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।अधिकारी ने बताया कि पुलिस उपायुक्त (नोएडा) विद्यासागर
मिश्रा और अतिरिक्त डीसीपी मनीष मिश्रा चिल्ला बॉर्डर पर मौजूद हैं, जहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी
तैनात हैं।
डीसीपी (यातायात) अनिल कुमार यादव ने कहा कि नोएडा-दिल्ली सीमा पर दोनों तरफ से पुलिस द्वारा
वाहनों की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, इससे यातायात की आवाजाही पर थोड़ा दबाव पड़ा है।
नोएडा में यातायात सामान्य है। जिले में कहीं भी (यातायात संबंधी) कोई समस्या नहीं है।
यादव ने कहा, यातायात की उचित व्यवस्था की गई है। क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया दल), मार्शल भी
तैनात किए गए हैं। एकीकृत सुरक्षा और यातायात प्रबंधन प्रणाली (आईएसटीएमएस) के माध्यम से
वाहनों की आवाजाही पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। इन सबके अलावा यातायात की आवाजाही
पर नजर रखने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।
पुलिस ने सोमवार को एक यातायात परामर्श जारी किया था जिसमें यात्रियों को किसानों के प्रस्तावित
दिल्ली मार्च के मद्देनजर विभिन्न मार्गों पर संभावित बदलावों के बारे में आगाह किया गया था और
उनसे आवागमन के लिए मेट्रो रेल सेवाओं का विकल्प चुनने का आग्रह किया था।
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