Thunderclap से बचाव हेतु एडवाइजरी
DM Manish Kumar Verma के निर्देश पर प्रभारी अधिकारी आपदा Thunderclap से बचाव हेतु एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि आंधी-तूफ़ान और भारी वर्षा के दौरान ऊँची इमारतों, पेड़ों, मनुष्यों, जानवरों आदि पर बिजली गिरने की घटनाएँ होती रहती हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता हैं। सावधानी और तैयारी ही एकमात्र तरीका है, जिसके द्वारा वज्रपात के खतरे को कम किया जा सकता है या उसके प्रभाव से बचा जा सकता है।
Thunderclapजोखिम वाले क्षेत्र
शहरी एवं उप शहरी क्षेत्र
1-बिना तड़ित चालक के उँची इमारतें – असुरक्षित।
2-संचार टावरों का भूमि पर अच्छी तरह विद्युत सम्पर्क स्थापित (Earthing) नहीं किया जाना – असुरक्षित।
3-पेड़ – असुरक्षित।
4-तालाब/झील/पानी से भरे क्षेत्र – असुरक्षित।
ग्रामीण क्षेत्र (अत्यधिक जोखिम वाले)
1-कच्चे मकान जिसमें धातु के कुछ भाग निकले हुए हों – असुरक्षित।
1-बिना तड़ित चालक वाले सभी भवन – असुरक्षित।
2-पेड़ – असुरक्षित।
3-पानी भरे हुए खेत – असुरक्षित।
4-तालाब/झील/पानी से भरे क्षेत्र – असुरक्षित।
तैयारी और प्रत्युत्तर
Thunderclap से पहले
1-परिवार, समुदाय, बच्चों आदि के साथ वज्रपात और उसके प्रभाव पर चर्चा करें।
2-स्थानीय मौसम पर नजर रखें और रेडियो/टीवी सुनें।
3-घर के पास लगे पेड़ो की छटाई करें।
4-ऊँची इमारतों पर तड़ित चालक यंत्र स्थापित करें।
5-प्रशासन की ओर से जारी चेतावनी को नजरअंदाज न करें।
बिजली गिरने की संभावना होने पर क्या करें-
1-बाहर जाने से बचे।
2-30-30 नियम को याद रखे -बिजली देखने के बाद, 30 तक गिनना शुरू करें। यदि आपके 30 तक पहुँचने से पहले गड़गड़ाहट सुनाई दे तो तत्काल घर के अंदर जाएँ। गड़गड़ाहट की आखिरी आवाज़ के बाद कम से कम 30 मिनट के लिए बाहरी गतिविधियों को स्थगित करें।
3-जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी पक्की छत के नीचे शरण लें।
4-बिजली चमकने/आंधी आने पर पेड़ के नीचे से हट जायें।
5-बिजली गिरने के दौरान किसान कभी खुले मैदान या खेत मे न खड़े हों। कोशिश करें कि किसी सुरक्षित पक्की छत के नीचे पहुँच जाएँ।
6-तालाब, नदी तट, आदि जैसे जल निकायों से दूर रहें।
यदि समूह में हैं तो दूर-दूर रहें।
7-यदि आप खुली जगह में हैं तो, अपने शरीर को उंकड़ू कर एड़ियों को सटा कर कान बंद कर बैठ जायँ।
8-यदि आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो अपने वाहन में ही रहें।
9-जिनके पास स्मार्ट मोबाइल फोन है वे सभी दामिनी एप डाऊनलोड करें व उससे प्राप्त सूचनाओं का पालन करें और अपने आस-पास के लोगों तक पहुंचाएँ।
10-ऊँचे क्षेत्रों जैसे पहाड़ियों और चोटियों से तुरंत उतर जाएं। आश्रय के लिए कभी भी चट्टान का उपयोग न करें, किसी पेड़ के नीचे आश्रय न लें।
11-कंप्यूटर, लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर, टेलीविजन, कूलर, एयर कंडीशनर एवं अन्य बिजली से चलने वाले उपकरणों को बंद कर दें।
12-पानी सम्बंधित गतिविधियाँ जैसे नहाना, बर्तन व कपड़े धोना, पानी भरना आदि को स्थगित कर दंे क्योंकि बिजली धातु के पाइप के माध्यम से यात्रा कर सकती हैं।
13-दरवाजे, खिड़कियाँ, धातु की बाल्टी और नल इत्यादि से दूर रहें।
14-साइकिल, मोटरसाइकिल या कृषि वाहन इत्यादि बिजली को आकर्षित कर सकते हैं, इसलिए इनसे उतर जाएं अथवा दूर रहें।
15-तूफान के दौरान, अपने वाहन में तब तक बने रहें जब तक कि मदद न आ जाए या तूफान गुजर न जाए।
जब आसमान में घने बादल घिरे हों, वर्षा व वज्रपात होने की संभवना हो तो, क्या न करें-
1-छत पर न जायें। यदि आप खुले में हैं तो जमीन पर कदापि न लेटें।
2-बिजली, टेलीफोन या मोबाइल टावर के नजदीक न जायें और न ही उसका कोई सहारा लें।
3-पेड़ के नीचे शरण न लें। पानी भरे खेतों में न जायें।
लोहे की डंडी वाले छाते का प्रयोग न करें।
4-तालाब, नदी, नहर या किसी भी जल निकाय में जानवरों को धोने या मछली पकड़ने न जायें।
5-बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें।
6-यदि आप खुले में बाहर हैं तो मोबाइल फोन का प्रयोग न करें।
7-समूह में नहीं रहें अर्थात लोगों से दूरी बना लें और सभी को दूरी बनाने के लिए कहें।
8-यदि आप घर में हैं तो खिड़की के किनारे या दरवाजे के बाहर न खड़े रहें।
9-वाहन के अंदर किसी भी धातु से बने हिस्से को न छुएँ, गाड़ी की खिड़कियाँ ऊपर कर लें, पेड़ों और बिजली लाइनों व खम्भों के पास वाहन ना खड़ा करें।
वज्रपात के बाद
1-घर के अंदर तब तक रहें जब तक कि आसमान साफ न हो जाए।
2-स्थानीय प्रशासन को क्षति और मृत्यु की जानकारी दंे।
3-अगर कोई व्यक्ति वज्रपात की चपेट में आ गया है तो, तुरंत 108 पर कॉल करें और यथाशीघ्र पीड़ित को अस्पताल ले जाएं।
4-आग लगने की स्थिति में 112 या 101 पर कॉल करें।
मिथक
1-मिथक- वज्रपात कभी भी एक जगह पर दो बार नहीं होता।
सत्य- ऊँची इमारतें व ऊँचे अकेले पेड़ पर वज्रपात एक से अधिक बार हो सकता हैं।
2-मिथक-वज्रपात प्रभावित व्यक्ति विद्युतीकृत होता है। यदि आप उन्हें छूते हैं, तो आपको करंट लग जाएगा।
सत्य- मानव शरीर विद्युत आवेश को संचित नहीं करता है। अतः प्रभावित व्यक्ति के शरीर को स्पर्श करना पूरी तरह से सुरक्षित है।
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