सेक्टर-151ए में बनने वाले हेलीपोर्ट में अब और देरी होगी। हेलीपोर्ट के
लिए चल रही टेंडर प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है। इससे पहले भी एक बार टेंडर निरस्त हो हो चुका
है। अब नोएडा प्राधिकरण नए सिरे से तीसरी बार ग्लोबल टेंडर जारी करेगा। टेंडर जारी करने में एक
महीने से अधिक का समय लगेगा।
हेलीपोर्ट की फाइनेनशियल बिड को इस सप्ताह शासन स्तर से मंजूरी मिलनी थी। इसके लिए लखनऊ में
बैठक होनी थी। टेंडर प्रक्रिया में सिर्फ एक कंपनी रिफैक्स एयरपोर्ट और ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड आई
हुई थी। प्राधिकरण की ये बड़ी परियोजना है, ऐसे में शासन स्तर पर गठित कमेटी के सामने ही
फाइनेंशियल बिड खोली जानी थी। बैठक होने से पहले ही अब प्राधिकरण ने टाइम पीरियड का हवाला
देते हुए इसके टेंडर को निरस्त कर दिया है।
हेलीपोर्ट को पीपीपी मॉडल पर बनाया जाना है। नोएडा
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि किसी भी परियोजना की तकनीकी बिड खुलने के बाद
फाइनेनशियल बिड खुलने के बीच 180 दिन का समय होना चाहिए। हेलीपोर्ट मामले में यह प्रकिया 210
दिन में भी पूरी नहीं हो सकी। यह वजह टेंडर निरस्त करने का कारण बनी। दूसरी बार जारी हुए इस
टेंडर में एक कंपनी ने ही हिस्सा लिया था। इससे पहले भी जारी किए गए टेंडर प्रक्रिया में एक ही कंपनी
आई थी।
अधिकारियों ने बताया कि सेक्टर 151ए में हेलीपोर्ट के निर्माण में 43.13 करोड़ रुपए खर्च कर किए
जाने है। इसका डिजाइन बेल 412 (12 सीटर) के अनुसार तैयार किया गया है। हेलीपोर्ट में 5 बेल 412
के पार्किंग ऐप्रन की सुविधा दी जानी है। इस हेलीपोर्ट में वीवीआईपी या आपात काल के समय 26 सिटर
एमआई 172 भी उतारा जा सकेगा। यहां से लोगों को चार धाम की यात्रा करने का मौका भी मिलेगा।
दिसंबर 2021 में पहली बार जारी हुआ था टेंडर
31 दिसंबर 2021 को हेलीपोर्ट के लिए पहली बार ग्लोबल टेंडर जारी किए गए थे। इसके बाद 31 मार्च
2022 को टेक्निकल बिड खोली गई। जिसमें रिफैक्स एयरपोर्ट एवं ट्रांसपोर्टेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
आई थी।