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विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान अब तक खोजे गये टीबी के सात नये मरीज

नोएडा। वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग लगातार क्षय उन्मूलन के लिए प्रयत्नशील है। समय-समय पर टीबी रोगी खोज अभियान चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा तमाम अवसरों पर टीबी रोगियों की पहचान के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान भी स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर नये टीबी मरीजों को खोजा जा रहा है। जनपद में यात्रा के दौरान शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक (29 दिसम्बर तक) 124 शिविर लगाए गये, जिसमें जांच के दौरान सात नये टीबी पॉजिटिव मिले। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आर.पी. सिंह ने दी।

डा. सिंह ने बताया- वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि जनपद में कोई भी छिपा हुआ टीबी मरीज न रह जाए, इसलिए हर स्तर पर प्रयास है कि ऐसे मरीजों को खोज लिया जाए। उन्होंने कहा स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार जागरूकता परक कार्यक्रम चलाए जाने के बाद भी बहुत से लोगों में टीबी को लेकर जानकारी का अभाव है। बहुत से लोगों को पता ही चलता है कि वह टीबी के मरीज हैं। टीबी के लक्षण नजर आने के बाद भी उन्हें नजरअंदाज करते रहते हैं

और इलाज या तो खुद करते रहते हैं या झोलाछाप डॉक्टरों से कराते हैं। टीबी का उपचार न होने की दशा में वह अन्य लोगों को संक्रमित कर देते हैं। इस लिए विभाग का प्रयास है कि ऐसे मरीजों को खोज कर उनका उपचार किया जाए ताकि अनजाने फैल रहे संक्रमण को रोका जा सके।

उन्होंने कहा-आम आदमी को यह समझने की जरूरत है कि टीबी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। यह छूने से नहीं फैलती। टीबी अधिकतर फेफड़ों को प्रभावित करती है। टीबी मरीज के खांसने-छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स से सांस के जरिए यह बीमारी फैलती है। उपचार शुरू होने के दो माह बाद क्षय रोगी से संक्रमण फैलने का खतरा न के बराबर रहता है। दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार, खांसी के साथ बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, भूख न लगना, वजन कम होना या सीने में दर्द होना यह सभी टीबी के लक्षण हो सकते हैं।

जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर पवन भाटी ने बताया- विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान जनपद 124 स्वास्थ्य शिविर लगाए जा चुके हैं। इस दौरान शहरी क्षेत्रों में 36 और ग्रामीण क्षेत्रों में 88 शिविर लगाए गये। इनमें 1531 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। स्क्रीनिंग के दौरान 415 लोग संभावित टीबी मरीज मिले। इन लोगों में 63 लोगों ऐसे थे जिनमें टीबी से मिलते-जुलते काफी लक्षण नजर आये। इन 63 लोगों के बलगम की जांच कराई गई, जिसमें सात मरीज पॉजिटिव मिले। इन सभी को नोटिफाई करते हुए

उनका उपचार शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया यात्रा के दौरान जनपद की हर पंचायत में दो-दो शिविर आयोजित किये जा रहे हैं।

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