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उ.प्र. रेरा : प्रोमोटर अपनी अन्य परियोजना में आवंटी को अविलंब कब्जा दें

गौतमबुद्धनगर: प्लॉट बुक करने के 20 वर्ष बाद आवंटी को कब्जा दिलाने हेतु उ.प्र. रेरा द्वारा अपने तरह का प्रथम प्रयास: न्याय निर्णायक अधिकारी ने सुनवाई करते हुए प्रोमोटर को उसके अन्य विकसित तथा ओसी/सीसी प्राप्त परियोजना में रजिस्ट्री सहित कब्जा देने का आदेश दिया | प्रोमोटर द्वारा आदेश का अनुपालन न किये जाने पर न्याय निर्णायक अधिकारी द्वारा सीपीसी में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत स्वयं सम्पूर्ण कार्यवाही की जाएगी |

प्राधिकरण ने शिकायतकर्ता की सुनवाई करते हुए वर्ष 2019 में प्रोमोटर को कब्जा देने का आदेश दिया था | प्रोमोटर द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं किया गया और पुनः आवंटी ने वर्ष 2022 में उ.प्र. रेरा के नियम-24 के अन्तर्गत कब्जा दिलाने का अनुरोध दर्ज किया | उ.प्र. रेरा के न्याय निर्णायक अधिकारी (एडजुडीकेटिंग ऑफिसर) ने धारा-24 के अन्तर्गत कब्जा दिलाने के मामलें में सुनवाई करते हुए मेसर्स उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स प्रा. लि. के एक आवंटी श्रीमति शालिनी शर्मा को अगले 15 दिनों में अपने किसी अन्य विकसित तथा ओसी/सीसी प्राप्त परियोजना में इकाई की रजिस्ट्री सहित कब्जा देने का आदेश दिया है।

इस मामलें में प्रोमोटर को 14 सितम्बर 2023 को पुनः उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। न्याय निर्णायक अधिकारी पीठ ने लगभग 20 वर्षों से प्लॉट के कब्जे हेतु प्रतीक्षारत आवंटी के हितों का ध्यान रखते हुए प्रोमोटर प्राधिकरण से वर्ष 2019 में पारित आदेश का अनुपालन करके अगली तिथि के पूर्व अनुपालन आख्या पीठ में जमा करने को कहा है। यदि प्रोमोटर द्वारा न्याय निर्णायक अधिकारी, उ.प्र. रेरा के आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है, तो पीठ द्वारा स्वयं सिविल प्रक्रिया के निहित प्राविधानों के अधीन हस्तांतरण विलेख/ ट्रान्सफर डीड निष्पादित कराकर कब्जे की कार्यवाही की जाएगी।

मामलें की सुनवाई करते हुए न्याय निर्णायक अधिकारी, उ.प्र. रेरा ने पाया कि प्रोमोटर द्वारा पीठ से पारित वर्ष 2019 के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है, जबकि लगभग 4 वर्षों में परियोजना पूर्ण की जा सकती थी अथवा ,आदेशानुसार, आवंटी को वैकल्पिक इकाई उपलब्ध कराई जा सकती थी। आवंटी द्वारा प्राधिकरण को प्रोमोटर की अन्य पूर्ण परियोजनाओं से अवगत कराया गया जिससे प्राधिकरण ने प्रोमोटर को पर्याप्त तथा युक्ति-युक्त अवसर दिए जाने के बाद भी जानबूझकर आदेश का उल्लंघन करने का दोषी पाया।

गाज़ियाबाद निवासी आवंटी शालिनी शर्मा ने वर्ष 2019 में उ.प्र. रेरा में शिकायत (सँख्या NCR144/05/0483/2019) दर्ज करके प्रोमोटर से अपनी इकाई का कब्जा दिलाने की मांग की थी। शिकायतकर्ता के अनुसार उन्होंने वर्ष 2005 में गाज़ियाबाद स्थित उप्पल चड्ढा हाई टेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड सेक्टर- 16 परियोजना में एक प्लॉट हेतु रुपये 14 लाख से ज्यादा का भुगतान किया था जिसका कब्जा 2008 में प्राप्त होना था। वर्ष 2013 में एग्रीमेन्ट फॉर सेल हस्ताक्षरित की गई लेकिन आवंटी को कब्जा नहीं मिला।

उ.प्र. रेरा के न्याय निर्णायक अधिकारी, श्री हरीश त्रिपाठी ने बताया कि आवंटियों के हितों की रक्षा हेतु प्रोमोटर्स को प्राधिकरण से पारित आदेश का अनुपालन करना होगा और नियमों की अनदेखी करने की स्थिति में उ.प्र. रेरा नियमानुसार कार्यवाई कर घर खरीदारों के हितों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी का निर्वाहन करता रहेगा।

 

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