राजधानी दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों की आबोहवा पिछले कई दिनों से बेहद ही खराब है। हालत में कोई सुधार नही हो रहा है। एनसीआर के तमाम शहरों में लोगों का जीना मुहाल चुका है।
बढ़ते Pollution से लोगों की सांसों पर संकट आ गया है। लोगो के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। शानिवार को नोएडा में वायु गुणवत्ता 440 की श्रेणी में और दिल्ली में 468, श्रेणी में दर्ज की गई। जोकि जीवन के लिए बेहद घातक है।
दिवाली से बढ़ा Pollution Noida
दिवाली से पहले ही Pollution चरम पर है। कुछ शहर तो रेड जोन में पहुंच चुके हैं। नवंबर महीने की अभी शुरुआत ही हुई है,लेकिन प्रदूषण का स्तर बेकाबू होता जा रहा है। जो बेहद चिंताजनक है।
हर साल दिवाली के बाद ही Pollution बढ़ना शुरू होता है। किन्तु इस बार तो नवंबर के शुरुआत में ही स्मॉग होने लगा है।
ग्रेटर नोएडा का सबसे बुरा हाल
नई दिल्ली स्थित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, यूपी की राजधानी लखनऊ का एक्यूआई 174, हरिणाया के गुरुग्राम को 367, ग्रेटर नोएडा 494, फरीदाबाद 460,गाजियाबाद 410, हापुड़ 386, बागपत 394 और मेरठ में 387 रिकार्ड किया गया है।
सड़क पर उतरे प्राधिकरण के अधिकारी
नोएडा प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग के उप महाप्रबंधक एसपी सिंह शनिवार की सुबह-सुबह कई सेक्टरों में पहुंचे तथा जगह-जगह जाकर सफाई व्यवस्था देखी।
जन स्वास्थ्य विभाग खंड-1 के प्रभारी वरिष्ठ प्रबंधक विजय रावल ने भी सुबह सेक्टर- 50, 51, 52, 30, 31, निठारी समेत 28, 29 समेत कई सेक्टरों तथा गांवों का निरीक्षण किया तथा स्वास्थ्य निरीक्षकों के साथ खड़े होकर सफाई करवाई।
जन स्वास्थ्य विभाग खंड-2 के प्रभारी आर.के. शर्मा ने भी आज सुबह सेक्टर- 105, 108, 104, 92,82 के अलीावा हाजीपुर, गेझा, सलारपुर तथा भंगेल गांव का दौरा कर सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया।
वहीं निर्माण कार्य होने पर 4 साइट पर निर्माण कार्य रूकवाया। बता दें कि सफाई के अलावा रोजाना पेड़ों तथा सडक़ों के किनारे धूल पर अंकुश लगाने के लिए वाटर टैंकर/स्प्रिंकल के जरिए पानी का छिडक़ाव किया जा रहा है।
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