जिलाधिकारी मनीष वर्मा को ज्ञापन
Noida: पत्रकारों से जुड़े मामलों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. कुछ स्थानों पर पुलिस को स्तंभकारों को परेशान करने के लिए दोषी ठहराया जाता है
कि पुलिस शिकायत लेकर पहुंचने वाले पत्रकारों की सुनवाई नहीं करती है।इसके अलावा पत्रकारों व उनके परिजनों को झूठे मामलों में फंसाने के मामले भी सामने आते रहते हैं।ऐसा ही एक प्रकरण नोएडा में सुनने को मिला।जहा पुलिस की खबर लिखने पर एक वेबसाइट की एक महिला पत्रकार व उनके संपादक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।जिसके विरोध में नोएडा मीडिया क्लब के सदस्यों ने जिलाधिकारी मनीष वर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
आपको बता दे किदिनांक 15 दिसंबर को ट्राइसिटी टुडे में थाना बीटा दो के एसओजी प्रभारी उत्तम कुमार और उनकी टीम पर बीती रात दादरी थाना क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा हमले किए जाने और उनके गंभीर चोट आने का समाचार प्रकाशित किया गया था।साथ ही पुलिस द्वारा दो युवकों को हिरासत में लेने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं करने की बात कही गई थी।
इसके बाद 15 दिसंबर को थाना बीटा दो पर पहले उत्तम कुमार द्वारा पुलिस मुठभेड़ में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किए जाने और उसके डेढ़ घंटे बाद पत्रकार ज्योति कार्की द्वारा पुलिस की छवि धूमिल करने का एफआईआर दर्ज किया गया।इस सम्बन्ध में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र अवाना ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
बता दे कि प्रदेश सरकार ने 2019 में एक आदेश जारी किया था कि यदि किसी पत्रकार अथवा उसके परिजनों के खिलाफ कोई मामला सामने आता है तो पहले उस मामले की किसी राजपत्रित अधिकारी से जांच करवाई जाए और इसके बाद ही कोई कार्यवाही की जाए।
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