सेक्टर 21ए स्थित नोएडा स्टेडियम में गुरुवार से 3वें महाकौथिग मेले
का आयोजन होगा। इसमें उत्तराखंड की लोक संस्कृति, रीति-रिवाज एवं धार्मिक परंपराओं का संगम देखने
को मिलेगा। इस वर्ष मेले का थीम उतराखंड के उत्तरकाशी में स्थित विश्वनाथ चौक काशी विश्वनाथ
मंदिर पर होगी।
पांच दिवसीय कार्यक्रम में लोगों को उत्तराखंड की शिल्पकला, पोशाक और उत्तराखंडी
सामानों को खरीदने के साथ तरह तरह के व्यंजनों का स्वाद चखने का आनंद मिलेगा। वहीं, पारंपरिक
लोक कला, हस्तशिल्प, रीति रिवाज, औद्योगिक विकास, धार्मिक परंपराओं और प्रगति का अदभुत संगम
देखने को मिलेगा। मेले में प्रसिद्ध उत्तराखंड के कलाकार और गायक प्रस्तुति देंगे।
संस्था के मुख्य संयोजक राजेंद्र चौहान ने बताया कि महाकौथिग मेला 21 दिसंबर को सुबह 10 बजे
यात्रा के साथ शुरू होगा। उन्होंने बताया कि पहले दिन सुबह स्टेडियम परिसर में ही नंदा देवी की डोला
यात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद उत्तराखंड के कलाकारों ने सांस्कृतिक नृत्य झोड़ा, थड़िया, चौफला, तांदी
और थपेली की प्रस्तुति होगी। मेले में दो सत्र होंगे। इसमें सुबह के सत्र मे अनेकों संस्कृतिक कार्यक्रम मे
बच्चे, महिलाएं, प्रतिभाग करेंगे। पारंपरिक पांडव नृत्य का भी सुबह के सत्र मे आयोजन होगा। शाम के
सत्र मे लोक कलाकारों की शानदार प्रस्तुति का आनंद सभी लोग ले सकेंगे।
खाने के व्यंजनों के स्टॉल : खाने के शौकीन लोगों के लिए मेले में 20 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे।
इन स्टॉलों पर उत्तराखंड के 50 से अधिक प्रकार के व्यंजन हैं। पर्वतीय सास्कृतिक संस्था की मीडिया
प्रभारी रजनी डौंडियाल ने बताया कि व्यंजन में मंड़वे की रोटी, झंगुरे की खीर, अरसा, चैसोणी, कंडाली
का साग, बाल मिठाई समेत अन्य उत्तराखंड के प्रमुख खाने पीने के सामान उपलब्ध होगा। इसके अलावा
मंडवे की रोटी, झंगरे की खीर और कंडाली का साग का स्वाद लोगो को खूब लुभाएगा।