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पत्रकार-Police होली मिलन समारोह बना चर्चा का विषय, केवल चयनित स्तंभकारों का स्वागत?

सैक्टर-108 स्थित पुलिस प्रमुख कार्यालय में Police स्तम्भ होली मिलन कार्यक्रम का संयोजन किया गया

गौतम बुद्ध नगर:- आज गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा एरिया 108 स्थित पुलिस प्रमुख कार्यालय में Police स्तम्भ होली मिलन कार्यक्रम का संयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम के संयोजन के पीछे क्या प्रेरणा थी इसका समाधान क्या है, Police से बेहतर कौन दे सकता है? बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम से Police और पत्रकारों के बीच सौहार्द्र बेहतर हुआ। अगर हम एक जैसे लगते हैं तो इस कार्यक्रम में शहर के कुछ चुनिंदा लेखकों का स्वागत किया गया। अब पूछताछ में यह बात सामने आ रही है कि ऐसे कार्यक्रम में शहर के सभी लेखकों का स्वागत है फिर भी कुछ चुने हुए स्तंभकारों को बुलाकर क्या?

नोएडा Police अन्य स्तंभकारों को नजरअंदाज करना चाहती थी या उनका उद्देश्य उन लोगों को बुलाना था जो उनके काम की प्रशंसा करते हैं। एक तरफ Police मजिस्ट्रेट लक्ष्मी सिंह सभी के साथ एक जैसा व्यवहार करने का दावा करती हैं, वहीं दूसरी ओर इस तरह का कार्यक्रम आयोजित कर पत्रकारों को नजरअंदाज कर रही हैं |

सबसे बड़ी जिज्ञासा यह है कि शहर में स्तंभकारों के बारे में जोर-शोर से बात करने और उनकी चिंताओं को समझने के लिए एक मीडिया क्लब है लेकिन साथ ही यह उनकी कार्यशैली पर कई मुद्दे भी उठाता है। सूत्रों की मानें तो ऐसी परियोजनाओं के समन्वय से पहले कुछ कथित व्यक्तियों की सलाह ली जाती है। वे अपने आदर्श व्यक्तियों की सूची बनाते हैं फिर उस समय उन व्यक्तियों को टेलीफोन द्वारा बुलाया जाता है।

साथ ही इस पूरे कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाने वाला मीडिया सेल भी हर तरह से नियमों की अनदेखी कर रहा है। गाइडलाइंस पर चर्चा करते हुए कहा कि मीडिया सेल को सीपी गैदरिंग से जुड़े हर लेखक को ऐसे कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत नहीं देनी चाहिए,अनुरोध भेजा जाना चाहिए क्योंकि ये सभी इस शहर के स्तंभकार हैं जो अलग-अलग संस्थाओं से जुड़े हुए हैं।

बहरहाल, इसके बावजूद नोएडा के पत्रकारों की नादानी उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्यों न नोएडा Police की सभी परियोजनाओं का बहिष्कार कर दिया जाए। मौजूदा हालात पर नजर डालें तो ऐसा लगता है कि समाचार कवरेज का स्तर भी गिर रहा है या आप कह सकते हैं कि कुछ कथित लोगों की चाहत इतनी बढ़ गई है कि वे अपने फायदे के लिए इसे नीचे लाने की कोशिश कर रहे हैं |

अब इस पर गौर करें तो रिपोर्टिंग में कोई विश्वसनीयता नहीं बची है, यह जबरदस्ती और गैरकानूनी ब्लैकमेल करने का जरिया बन गया है। एक ख़राब सरकार ऐसे व्यक्तियों को बीमा भी इस आधार पर देती है कि ये व्यक्ति उनके संतान हैं।

दरअसल, आज भी ऐसे व्यक्तियों के बारे में कुछ जानकारी मिल सकती है। हालाँकि, इसके बावजूद, आज एक कानूनी लेखक ऐसे व्यक्तियों को उकसाने का भरपूर प्रयास करता है। फ़िलहाल यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि क्षेत्र के लेखक अपनी बेखबरता के कारण इसमें कितना शामिल हो सकते हैं या वे इसी तरह का अपमान करेंगे। 

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