iskcon noida
Noida।आज शनिवार दिनांक 02 नवम्बर को iskcon noida मन्दिर में गिरिराज गोवर्धन पूजा उत्सव मनाया गया।इस अवसर पर iskcon noida मन्दिर से जुड़े भक्तों ने पके हुए चावल एवं हलवे से लगभग 20 फुट लम्बे गोवर्धन पर्वत का निर्माण किया।
पर्वत में राधाकुण्ड, श्यामकुण्ड, नारदकुण्ड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा इत्यादि सभी लीला स्थलों का निर्माण किया गया जो कि गिरिराज गोवर्धन में वास्तविक रूप से उपलब्ध हैं। भक्तों के साथ मधुर कीर्तन एवं गिरिराज गोवर्धन के जयकारों के साथ ऐसा प्रतीत होता था मानो वास्तव में ब्रज मण्डल स्थित हम गिरिराज गोवर्धन पहुँच गए हों। प्रात: 8 बजे से ही मन्दिर में श्रद्धालुओं का तांता लग गया था। मुख्य उत्सव प्रात: 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक चला। भक्तों ने गिरिराज जी की पूजा परिक्रमा की। गिरिराज जी को विभिन्न प्रकार की मिठाईयों, फलों, सूखे मेवे एवं पकवानों का भोग लगाया गया।
“गिरिराज धरण हम तुम्हरी शरण” के भजन कीर्तन ने सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया। वृन्दावन से पधारे परम पूज्य राधे श्यामानन्द स्वामी महाराज जी ने गिरिराज गोवर्धन के प्रकट होने एवं उनकी पूजा के महत्त्व और किस प्रकार इसे सम्पन्न किया जाना चाहिए पर विशेष प्रवचन दिया। तत्पश्चात् गिरिराज गोवर्धन जी की महा आरती उतारी गई। उपस्थित भक्तों ने अत्यन्त उत्साहपूर्वक कीर्तन में भाग लिया एवम् नृत्य के साथ उत्सव का आनन्द उठाया। अन्त में सभी को भरपूर स्वादिष्ट प्रसादम वितरित किया गया। इस उत्सव में लगभग 1500 भक्तों ने भाग लिया। गोवर्धन पूजा एक पारम्परिक उत्सव है जिसका आरम्भ स्वयं भगवान् श्री कृष्ण ने किया था।
इसी परम्परा का अनुगमन करते हुए विश्व के लगभग 800 से अधिक इस्कॉन मन्दिरों एवम् केन्द्रों में गोवर्धन पूजा मनाई जाती है तथा इस्कॉन के संस्थापकाचार्य श्रील प्रभुपाद की आज्ञानुसार सभी को प्रसाद वितरित किया जाता है।
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