गौतमबुद्धनगर।ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-2 में स्थित लायड ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशन्स ( फार्मेसी ) में शनिवार दिनांक 9 दिसंबर को ‘ट्रासफोर्मशन थ्रू टेक्नोलोजी एंड ट्रांसडिस्प्लीनरी एजुकेशन’ विषय पर तृतीय वार्षिक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया ।
इसका मुख्य उद्देश्य पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे राष्ट्रीय मिशनों के अनुरूप अनुसंधान, नवाचार, हेल्थ और एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में ए.आई. के सकारात्मक परिणाम को बढ़ावा देना है । यह सम्मेलन डी.पी.एस.आर.यू., पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स और इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन (दिल्ली ब्रांच ) के सहयोग से आयोजित किया गया ।
इस सम्मेलन में प्रतिष्ठित शिक्षाविद, नीति निर्माता, और तकनीकी विशेषज्ञों ने भाग लिया । कार्यक्रम का उद्धघाटन बतौर विशिष्ठ अतिथि डॉ० मनीष दीवान ,हेड स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप & एंटरप्रेंयूर्शिप डेवलपमेंट, बी०आई०आर० के० भारत सरकार, कपिल देव अग्रवाल, मिनिस्ट्री ऑफ़ स्टेट, वोकेशनल एजुकेशन एंड स्किल डेवलपमेंट उत्तर प्रदेश, अवनीश अवस्थी, चीफ एडवाइजर उत्तर प्रदेश सरकार, डॉ० दीपेंद्र सिंह, चेयरमैन एजुकेशन रेगुलेशन समिति, पी०सी०आई०, लायड ग्रुप के प्रेसिडेंट मनोहर थैरानी और लायड ग्रुप की समूह निदेशिका डा० वंदना अरोरा सेठी द्वारा दीप प्रज्व्लित करके किया गया I
अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में 500 से ज्यादा अब्सट्रैक्ट तथा 1500 से अधिक देश-विदेश से छात्र, शिक्षक, शोधकर्ता समेत बड़ी संख्या में प्रतिभागी और प्रतनिधि शामिल हुए। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में डॉ० मनीष दीवान ने अपने संबोधन में कहा कि “शिक्षा को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाने में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।” उन्होंने अन्तः विषय शिक्षा (ट्रांसडिस्प्लीनरी एजुकेशन ) को भी बढ़ावा देने का आह्वान किया, जो छात्रों को विभिन्न विषयों से जुड़ने और व्यापक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करेगी।
कपिल देव अग्रवाल, अवनीश कुमार अवस्थी, मुख्य सलाहकार, प्रो. आर.के. गोयल, कुलपति, डीपीएसआरयू, डॉ. दीपेंद्र सिंह, अध्यक्ष पी० सी ० आई ने भी सम्मेलन में अपने विचार रखे। ‘सौवेनीर कम अब्सट्रैक्ट’ पुस्तक का विमोचन भी किया गया । सम्मेलन के दौरान असीम साहू, डिप्टी ड्रग कंट्रोलर इंडिया और डॉ० विभु साहनी, डीन पी०सी०आई० को एक्सेम्पलरी फार्मेसी प्रोफेशनल अवार्ड तथा डॉ.जी० एन० सिंह को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। पहले सत्र में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने ‘प्रौद्योगिकी और बहु-विषयक शिक्षा के माध्यम से परिवर्तन’ विषय पर चर्चा की।
दूसरे सत्र में हेल्थकेयर उद्योग में तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल युग में नवाचारों पर चर्चा हुई। तीसरे सत्र में न्यूरोलॉजिकल विकारों के लिए उन्नत इम्प्लांटेबल बायोइलेक्ट्रोनिक उपकरणों पर गहन चर्चा हुई।इंटरनेशनल शिक्षाविद प्रोफेसर याह्या ई. चूनारा, जोहान्सबर्ग विश्वविद्यालय, दक्षिण अफ्रीका ने अपने लेक्चर में ए०आई० आधारित डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएँ का भविष्य में उपयोग को रेखांकित करते हुए कहा कि “वर्तमान में विश्वभर में डॉक्टरों की भारी कमी भी देखी गई है। ऐसे में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएँ सभी के लिये स्वास्थ्य सेवा पहुँच के लक्ष्य को पूरा करने हेतु आवश्यक रूपांतरण को लागू करने में सहयोग कर सकती हैं।” सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर 150 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।
सम्मेलन का समापन डा० वंदना अरोरा सेठी के संबोधन के साथ हुआ। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि “शिक्षा में बदलाव लाने के लिए इस तरह के मंचों का होना बहुत जरूरी है।” इस सम्मेलन को शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। इस सम्मेलन से निकले सुझावों को शिक्षा नीति में शामिल किया जा सकता है |
इसका लाभ परोक्ष रूप से छात्रों को लॉयड ग्रुप जॉबफेस्ट अप्रैल 2024 में देखने को मिलेगा जो की उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी जी के रोजगार विजन पर आधारित होगा | सम्मलेन में प्रस्तुत बेस्ट पेपर और बेस्ट पोस्टर को अवार्ड से नवाजा गया । यह कॉन्फ्रेंस नए अनुसंधानो, चर्चाओं, शोध पत्रों ,पैनल चर्चा व केस स्टडीज के माध्यम से स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और बहु विषयक शिक्षा (ट्रांसडिस्प्लीनरी एजुकेशन) पर ध्यान केंद्रित करते हुए,
सम्मेलन की कुछ प्रमुख उपलब्धियों को रिपोर्ट के माध्यम से भारत सरकार को दिया जायेगा ताकि दूसरे विश्वविद्यालयो को भी ट्रांसडिसिप्लिनरी शिक्षा प्रदान करने में मददगार साबित हो और भारत को डिजिटल युग में अग्रणी देशों में से एक बनने में मदद मिले ।