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अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा पर्यावरण को भारी नुक्सान

ग्रेटर नोएडा।ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और जिला खनन अधिकारी की देखरेख में पर्यावरण को हो रहे नुक्सान की शिकायत के बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा।

गौरतलब है की नॉएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन को ग्रेटर नॉएडा के ग्राम बिसरख के अनेक निवासियों से शिकायत मिली की हिंडन नदी के बिसरख के पुल पर बनी सनराइज़ पुलिस चौकी के पूर्व साइड में हिंडन के पुश्ते से सटे हुए खसरा नंबर 1395 फ तथा खाता संख्या 0052 में अवैध खनन का कारोबार चल रहा है। यह कारोबार हिंडन नदी के पुश्ते से नदी की तरफ उतरने वाले रास्ते से एवं पुश्ता से एकदम सटा हुआ है। यह कारोबार हरियाणा निवासी एक बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर संदीप कुमार करता है। संदीप कुमार एक बड़ा बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर है।
जिसका दिल्ली , हरियाणा के कोंडली बॉर्डर पर भी काफी बड़ा स्टॉक है। इसके पास अपनी जेसीबी , लोडर एवं दर्जन भर हाइवा हैं। पहले यह नोएडा में अपना कारोबार करता था अब ग्रेटर नॉएडा वेस्ट को इसने अपना अड्डा बनाया है।ग्रामवासियों का आरोप है की यह बारह बारह टैरा बड़े बड़े ट्रौलाओं से उत्तराखंड या पानीपत साइड से कोरसैंड मंगवाता है ,
तथा उसे बालू रेट में जेसीबी से मिलाकर अपने हाइवाओँ के जरिये पार्टियों को सप्लाई करता है।इसके हाइवा भी ओवरलोड एवं बिना ढके हुए चलते हैं। जिससे धूल उड़ती है और पर्यावरण को भारी नुक्सान होता है।इसके ओवरलोड बारह टैरा एवं हाइवा आदि के वज़न से गाँव से हिंडन नदी की तरफ जाने वाली ग्रेटर नॉएडा प्राधिकरण द्वारा बनाई गई सड़क पूरी तरह टूट चुकी है।गाँव के लोग इसी मार्ग से मृत व्यक्तियों की अन्तेष्ठी के लिए हिंडन नदी पर ले जाते हैं।
इसी से अपने हिंडन किनारे के खेतों में भी जाते हैं। जिससे गांववासियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।इसके अलावा भी इसने सड़कें एवं रास्ते भी तोड़ फोड़ कर उबड़ खाबड़ कर दिए गए हैं।जिससे ग्रेटर नॉएडा प्राधिकरण को भी भारी धन हानि हो रही है।इसके कुछ फोटो भी प्रार्थना पत्र के साथ लगाए गए हैं , साथ ही जहाँ यह अवैध व्यापार कर रहा है उस खेत की खतौनी की छाया प्रति भी लगाई गई है।
हाल ही में संस्था इस शिकायत को लेकर जिला गौतम बुद्ध नगर के खनन अधिकारी महोदय से करने गए तो उन्होंने शिकायत लेने से इंकार कर दिया।साथ ही ऐसे माफिया को सम्मानित करने का भी सुझाव संस्था को दिया जिससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं की माफिया की सांठगांठ कहाँ तक हो सकती है। वही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मामले को अपने कार्यक्षेत्र से बाहर बता कर हाथ खड़े किये।
जब ग्रेटर नॉएडा प्राधिकरण से इसकी शिकायत की गई तो प्राधिकरण ने उस क्षेत्र को ही अपने अंतर्गत न आने की बात कह दी जबकि संस्था ने खसरा संख्या तक शिकायत में लिखा और बिसरख से लेकर रेत के अवैध व्यापार के रास्तों को तो ग्रेटर नॉएडा प्राधिकरण अपना मानेगा या वह भी नहीं ?

कार्यवाही करें विभाग नहीं तो जायेंगे राष्ट्रिय हरित न्यायालय

संस्था ने मांग की है कि यदि प्राधिकरण या जिला खनन अधिकारी ने एक्शन नहीं लिया तो वह राष्ट्रीय हरित न्यायालय की शरण में जायेंगे।फिलहाल उनकी मांग है की इस माफिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज़ करके इसके द्वारा ग्रेटर नॉएडा की सड़कों , पुश्ता , पेैड़ा आदि की तोड़फोड़ के नुकसान का आंकलन करके उस क्षति की इससे पूर्ती की जाए।ताकि ग्राम वासियों की समस्या का भी समाधान हो सके।पर्यावरण को भी नुकसान का पहुंचे और ग्रेटर नोएडा को भी आर्थिक क्षति से बचाया जा सके।

।ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

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