Holi
Noida Holi को लेकर बाजार में रंग, गुलाल, पिचकारी के बाजार सजने लगे हैं। लोगों पर्यावरण और त्वचा को नुकसान न पहुंचाने वाले हर्बल गुलाल ज्यादा खरीद रहे हैं। हालांकि, लोग इस बार होली की खरीदारी करने में थोड़े झिझक भी रहे हैं।
उसकी वजह मंहगे होते रंग-गुलाल और अन्य सामान हैं। सामान्य गुलाल हो या फिर हर्बल, इसने दामों में लगभग दोगुने का अंतर आ गया है। हालांकि, लोग अपने बजट के अनुसार होली के सामान खरीद रहे हैं। होली को देखते हुए रविवार को शहर के बाजारों में लोगों ने खूब खरीदारी की। इस बार स्पार्कल गन बच्चों को खूब लुभा रही है। इसमें गुलाल की काट्रेज इस्तेमाल की जाती है, जो प्रेशर से गुलाल बाहर फेंकती है। वहीं, गुलाल के पटाखों की भी अच्छी खासी मांग देखने को मिली है।
वहीं, कपड़ा दुकानों में होली को लेकर रंग-बिरंगे कपड़े और होली टी-शर्ट नजर आ रही है। सेक्टर-18 स्थित दुकानदार नीरज सिंह ने बताया कि इस बार इलेक्ट्रॉनिक गन और अरारोट से बने रंगो की अधिक मांग है। उन्होंने बताया कि बैटरी से चलने वालीं पिचकारी बच्चों को आकर्षित कर रही हैं, जो 1200 रुपये में बिक रही है।
इसी तरह से मास्क पांच रुपये से लेकर 200 रुपये तक, चश्मा 30, 60 और 80 रुपये प्रति पीस, दाढ़ी वाले मास्क 80 रुपये प्रति पीस, हर्बल रंग 200 रुपये प्रति 10 ग्राम, हर्बल गुलाल (अबीर) 200 रुपये प्रति 100 ग्राम, आर्गेनिक गुलाल 500 रुपये का 100 ग्राम, मैजिक बैलून 120 रुपये पीस, व्हाइट कलर 20 रुपये पाउच और गोल्डेन कलर 20 रुपये पाउच बिक रहा है।
सबसे महंगी वाटर गन 1700 रुपये से शुरू होकर तीन हजार रुपये तक में बेची जा रही है। उन्होंने बताया कि लोग बढ़े हुए दामों के बावजूद खरीदारी कर रहे हैं लेकिन उतनी जितनी पहले करते थे।
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