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Greater noida:समाजसेवी ने उठाये प्रशासन की कार्य कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल

समाजसेवी नरेश नौटियाल

Greater noida।प्रशासन की कार्य कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए Greater noida के समाजसेवी नरेश नौटियाल ने कहा कि जब शासन सच देखने से इंकार कर दे, तब संघर्ष और अव्यवस्था पैदा होती है

इतिहास में महाभारत इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।आज भी वही स्थिति दोहराई जा रही है,जहाँ गलत देखने के लिए जनता को दंड मिलता है और जिम्मेदार लोग आंखें बंद कर लेते हैं।इतिहास साक्षी है कि शासन की अंधता ने ही महाभारत जैसी त्रासदियाँ जन्म दीं, और आज वही स्थिति पुनः दोहराई जा रही है जहाँ कंपनियाँ जीतती हैं, सरकार पीछे हटती है, और पिस जाती है जनता।बता दे कि इंडिगो एयरलाइन्स में हुई घटना ने यह दिखाया कि जब प्रशासन जिम्मेदारी नहीं निभाता, तो नुकसान हमेशा नागरिकों को झेलना पड़ता है।ठीक इसी तरह Greater noidaवेस्ट की जीअच सोसाइटीज़ महीनों से समस्याओं में डूबी हैं—खराब सुविधाएँ, अवैध निर्माण, बिल्डर की मनमानी, और प्राधिकरण की चुप्पी। शिकायतें उठती रहती हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।

इसी बीच प्राधिकरण ने नया निर्णय लिया है कि इसरो की मदद से अपने क्षेत्र में अवैध निर्माण और अतिक्रमण खोजेगा, जिसमें लगभग 60 लाख रुपये खर्च होंगे।समाजसेवी नरेश नौटियाल ने सरकार से सीधा सवाल पूछा कि जब अवैध निर्माण जमीन पर खुला खड़ा है, तो उसे देखने के लिए आसमान क्यों टटोला जा रहा है?उन्होंने कहा कि 130 मीटर रोड के दोनों ओर दिनदहाड़े अवैध कॉलोनियाँ बस रही हैं, दादरी बाईपास, धूम-मानिकपुर और चिटेहरा में हजारों एकड़ जमीन पर इंडस्ट्रियल पार्क बेचे जा रहे हैं, एच्छर और गुलिस्तानपुर जैसे इलाकों में प्राधिकरण के सामने ही बिना मंजूरी के कॉलोनी, फ्लैट और कॉम्प्लेक्स बन गए—पर किसी अधिकारी को दिखाई नहीं देता।शिकायतें रोज आती हैं, सोशल मीडिया पर जनता आवाज उठाती है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती।ऐसे में प्राधिकरण को अपने ही इलाके के हालात समझने के लिए बाहरी एजेंसी पर 60 लाख खर्च करना जनता की समझ से परे है।उन्होंने याद दिलाया कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण भी इसी एजेंसी से डाटा लेकर असफल हो चुका है।

फिर Greater noida वही गलती दोबारा क्यों करना चाहता है?नरेश नौटियाल ने कहा कि प्राधिकरण के पास खुद का पूरा स्टाफ मौजूद है—इंजीनियर, फील्ड टीमें और भूलेख विभाग—फिर भी कार्रवाई का अभाव यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर रुकावट कहाँ है?उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि रेड़ी-पटरी वालों पर तुरंत कार्रवाई हो जाती है,लेकिन करोड़ों के अवैध निर्माण पर चुप्पी क्यों।समाजसेवी ने कहा कि जनता अब जवाब चाहती है और न्याय की उम्मीद रखती है।राम राज्य का आधार ही यही है—जहाँ शासन निष्पक्ष हो और जनता की आवाज सबसे ऊपर सुनी जाए।अंत में नरेश नौटियाल ने कहा कि यह शहर जनता का है, और जनता का विश्वास टूटना किसी भी सरकार के लिए सबसे बड़ा खतरा है। इसलिए अब फैसला जरूरी है

जनता के लिए, न्याय के लिए और व्यवस्था को बचाने के लिए।एक जन प्रत्याशी का जनता के अधिकारों की रक्षा हमारा कर्तव्य भी है और संकल्प भी।

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