नोएडा।बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने नए दिशा निर्देश जारी करते हुए जनरेटर इस्तेमाल पर रोक लगायी थी।लेकिन फिर की खुले आम चल रहे जनरेटर इन आदेशों की अवहेलना करते नजर आ रहे है।वही विभाग जानकर भी अनजान बना हुआ है।इस अनदेखी के चलते रात दिन नियमों को ताक पर रख कर
नोएडा में खुलेआम जनरेटर चलाकर वायु एवं ध्वनि प्रदूषण फैला रहे है।
वही विभाग में शिकायत करने के बाद भी अधिकारी मूकदर्शक बने बैठे है।आपको बता दे कि जेनरेटर सेटों को लगाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कई नियम बनाए हैं। इसके अनुसार जेनरेटर सेट पूरी तरह से ध्वनि रहित (साउंड प्रूफ) होना चाहिए। वहीं इसके धुएं की नली की उंचाई पास में बने भवन की उंचाई से डेढ़ गुणा उंचाई तक होनी चाहिए। लेकिन इसका पालन शहर में कही भी नहीं किया जा रहा है।देखा जाये तो किसी समारोह के दौरान बिजली की कमी से निपटने के लिए हर गली और बाजार में कानफोड़ू जनरेटरों का शोर सुनाई देता है।वही शादी ब्याह में भी जनरेटर भड़भड़ा रहा होता है।
ऐसा ही एक मामला नोएडा के सैक्टर-15 के नयाबांस गांव का है।यहा चाहत काम्प्लेक्स का है।यहा पर स्थित शिवम दवाई घर के बाहर खुलेआम जनरेटर चलाकर नियमों को ढ़ेंगा दिखाया जा रहा है।जिसकी वजह से मार्किट के लोगों का जीना दूभर हो गया है।यहा रहने वाले लोगों को प्रदूषण के साथ साथ बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। वहीं ये जेनरेटर सेट पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा साबित हो रहे हैं।जेनरेटर सेट से निकलने वाला धुआं कई तरह से घातक होता है।इससे निकलने वाला कच्चा धुंआ आसपास रहने वाले लोगों के लिए खतरनाक है।बता दे कि जनरेटर के धुआं से कई बीमारियां होती है।जेनरेटर सेटों से जहां वायु प्रदूषण होता है वहीं बड़ी मात्रा में ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है। जनरेटर सेट से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल निकलता है।
जिसके कारण सांस के रोग होत हैं।ध्वनि प्रदूषण के कारण बहरापन, चिड़चिड़ापन के अलावा लगातार ध्वनि के कारण उल्टी की समस्या होती है। इसके अलावा ज्यादा शोर के कारण होने वाली वाइब्रेशन से प्रेगेनेंसी के दौरान बच्चे को हानि होने का खतरा बना रहता है।बताया जाता है कि डीजल ईंजन या जेनरेटर से जो धुआं निकलता है उसमें बारीक से बारीक ऐसे ऐसे तत्व होते हैं जो आपकी सांस की नली से होते हुए फेफड़े को खराब कर देते हैं, दिल के आस पास दौड़ने वाली धमनियों को कमजोर कर देते हैं, दिमाग की कोशिकाओं को बेकार कर देते हैं, कुल मिलाकर आपको चंद खतरनाक बीमारियों से लैस कर देते हैं।
वही शिकायत को एक हफ्ते बीत जाने के बाद भी
विभाग मूकदर्शक बना बैठा है।अब देखना है कि विभाग कब तक ऐसे ही लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करता रहेगा या फिर ऐसे लोगों के खिलाफ कारवाई करके अपना दायित्व निभायेगा।