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Ganesh Chaturthiके जश्न की तैयारियां शुरू घर-घर विराजेंगे Ganpati Bappa

Ganesh Chaturthi

Noida,Ganesh Chaturthiके जश्न की तैयारियां शुरू हो गई हैं। Ganpati Bappa को अपने घर ले जाने के लिए लोगों में उत्साह है। घर-घर विघ्नहर्ता को विराजमान करायाजाएगा। इस बार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी सात सितंबर को Ganesh Chaturthi  का पर्वमनाया जाएगा। शहर में विभिन्न स्थानों पर बड़े आयोजन होंगे। इसके साथ ही कई सोसाइटी औरकॉलोनियों में भगवान गणेश विराजमान होंगे। इसके लिए जगह-जगह सुंदर पंडाल सजाए जा रहे हैं।Ganesh Chaturthi पर ज्यादातर जगह मिट्टी से बनी इको फ्रेंडली मूर्ति स्थापित की जाएंगी। कई सोसाइटीमें तीन से चार दिन तक भगवान गणेश का भव्य उत्सव होगा।

Ganesh Chaturthi
Ganesh Chaturthi

वहीं, मूर्ति विसर्जन के लिए सोसाइटीपरिसर में ही व्यवस्था की जाएगी।

मराठी समाज की तरफ से सिटी पार्क के पास गणेश उत्सव होगा,जिसमें महाराष्ट्र के कलाकार हिस्सा लेंगे। इधर, नोएडा सेक्टर-19 के बीएसएनएल चौराहे और सेक्टर-55 के बाजार गणपति बप्पा की मूर्ति से पटे हैं। गणपति बप्पा की मूर्ति बनाने के लिए अच्छीमिट्टी का इस्तेमाल हो रहा है। मूर्तिकारों का दावा है कि ये मूर्तियां महज 15 मिनट में पानी में घुलजाएंगी। मूर्ति बनाने का काम बीते तीन महीने पहले से जारी है। मूर्ति बाजारों में एक से लेकर सातफीट तक की मूर्तियां भी उपलब्ध हैं।चटख रंगों का हो रहा इस्तेमालसेक्टर-20 में गणपति की मूर्तियों को भव्य रूप दिया जा रहा है। कई जगह मूर्तियां तैयार हो चुकीहैं, तो कहीं यह काम अंतिम चरण में है। कुछ दिन बाद भगवान गणेश को घर-घर में स्थापित किया जाएगा। मूर्तिकार दीपक बताते हैं कि हम इन मूर्तियों के लिए निऑन रंगों का इस्तेमाल करते हैं।यह रंग अपने आप में खास है। एक तो इनकी चमक आंखों को चुभती नहीं है। दूसरी बात, ये रंगमूर्तियों को बेहद खूबसूरत बना देते हैं।एक से साढ़े सात फीट तक के गणपतिगणेश चतुर्थी के मद्देनजर बाजारों में रौनक है। लोग अपने मनपसंद गजाजन को स्थापित कराने केलिए उत्साहित हैं। सेक्टर-20 के पास मूर्तिकार उमेश ने बताया कि वह मूर्तियों को तैयार करने केलिए चार माह पहले ही तैयारियां शुरू कर देते हैं। इसके लिए सबसे पहले प्लास्टर ऑफ पेरिस औरअच्छी मिट्टी से मूर्तियों को बनाया जाता है। सूखने के बाद उन पर रंग किए जाते हैं। उसके बादमूर्ति पर जरी और कृत्रिम डायमंड, नग या मोती आदि लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पासएक से साढ़े सात फुट तक की मूर्ति उपलब्ध है। वहीं, बड़ी मूर्ति बनवाने के लिए एडवांस में ऑर्डरदेना पड़ता है।

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