भारतीय किसान परिषद के बैनर तले किसान सेक्टर-24 एनटीपीसी
मुख्यालय और सेक्टर-6 नोएडा प्राधिकरण के सामने धरने पर बैठे हैं।
रविवार को दोनों जगह किसानों नेअधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान अपनी जमीनों का मुआवजा मांग रहे किसानोंने सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। यह जानकारी भारतीय किसान परिषद की तरफ से दी
गई है। गौरतलब है कि गुरुवार को सड़कों पर किसानों के उतरने से नोएडा-दिल्ली जाने वाले रास्तों समेत
शहर के आंतरिक हिस्से में 8-10 घंटे तक जाम समस्या रही थी।
16 फरवरी को जुलूस
भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर पहलवान ने कहा, “आठ फरवरी को जब हमने दिल्ली तक
मार्च निकाला था तो नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने हमें भरोसा दिलाया था कि 12 फरवरी तक
हमारी मांगों को लेकर कमेटी गठित कर दी जाएगी। अगर किसानों का काम नहीं हुआ तो दिल्ली जाने
की रणनीति बनाई जाएगी। हम एक बार फिर बता देना चाहते हैं कि दिल्ली दूर नहीं है।" उन्होंने कहा
कि जिले के किसानों ने विधायक, सांसद और प्रशासन के लोगों को कई बार अपने मुद्दे अवगत करवाएं
हैं। फिर भी किसानों की मांग पूरी नहीं हो रही हैं। बीते सालों में सिर्फ झूठे आश्वासन दिए गए। किसान
सभा की कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से 16 फरवरी को जुलूस निकालने का प्रस्ताव पास किया
गया। जरूरत पड़ने पर चक्का जाम किया जाएगा।
किसान को आंदोलन की जरूरत क्यों पड़ी
किसान नेता मोहित गुर्जर ने बताया कि किसान बढ़ा हुआ मुआवजा, स्थानीय लोगों को रोजगार, 10
प्रतिशत प्लॉट और आबादी की समस्या के पूर्ण निपटारे की मांग कर रहे हैं। किसान जनप्रतिनिधियों के
साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी नाराज हैं। वे भी उनकी मांगों को ऊपर तक नहीं पहुंचा रहे
हैं। किसान नेता राजेंद्र यादव ने बताया कि हमने एनटीपीसी और नोएडा प्राधिकरण को काफी समय दे
दिया है।
लेकिन, अब तक हमारी मांगों को लेकर सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है। इसलिए अब
मजबूरन आंदोलन को और तेज किया जाएगा।