अनैतिक कार्यों में लीन होने पर होंगी कारवाई
नोएडा।गौतमबुद्धनगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने एक नई पहल करते हुए जिले में अवैध रूप से चल रहे गेस्ट हाउस/ओयो पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैँ।इसके साथ ही गेस्ट हाउसो में चल रहे अनैतिक कार्यों को रोकने और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने के लिए निर्देश दिए हैँ।इस मुहिम के अनुसार शहर के कई सेक्टरों व कालोनियों में अवैध गेस्ट हाउस चल रहे है जिन से स्थानीय लोगों को परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है, इन होटलों / ओयो में दिन-रात बाहरी व्यक्तियों का आना-जाना लगा रहता है
, साथ ही साथ सेक्टर वासीयों ने आरोप लगाया है कि इन गेस्ट हाउस में खुलेआम देह व्यापार का धंधा संचालित होता है और लोगों को खुलेआम शराब भी परोसी जाती है।इस कारण सेक्टरों/ सोसाइटियों का माहौल खराब हो रहा है, इसी समस्या से शहर वासियों को निदान दिलाने के लिए गौतमबुद्धनगर पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों व ओयो होटल्स के पदाधिकारियों के मध्य एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें डीसीपी नोएडा हरीश चन्दर द्वारा सेमिनार में उपस्थित सभी लोगों को सम्बोधित करते हुए अनैतिक कार्यों के अलग-अलग रूप और समाज पर पड़ने वाले प्रभावों के प्रति होटल ऑपरेटरों को सचेत किया।
उन्होंने ये भी बताया कि होटल ऑपरेटर किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि को कैसे पहचाने और पुलिस को सूचित करें। उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि पुलिस इस मुहिम में होटल इंडस्ट्री के साथ है कंधे से कंधा मिलाकर चलने और नोएडा को सभी के लिए एक सुरक्षित शहर बनाने के लिए तैयार है। ओयो उन सभी छात्रों के लिए भी एक अच्छा प्लेटफॉर्म है जो दूसरे शहरों में परीक्षा देने के लिए जाते हैं, लेकिन कई ऐसे होटल भी हैं जो ओयो ब्रांड का इस्तेमाल गैर कानूनी ढंग से कर रहे हैं। ऐसे होटलों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसीपी प्रथम नोएडा रजनीश वर्मा द्वारा बताया कि नोएडा में अनैतिक कार्यों को रोकने के लिए हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की भूमिका महत्वपूर्ण है और ओयो के साथ की गयी साझेदारी पूर्व से जारी प्रयासों को भी मजबूती देगी।वही जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार पूरे जिले में केवल 27 होटल ही सराय एक्ट के तेहत पंजीकृत हैं।
लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में
अवैध रूप से चल रहे गेस्ट हाउस जिला प्रशासन व पुलिस को सवालों के घेरे में खड़ा करते हैँ।
बड़ा सवाल उठता है कि पूरे शहर में इतना बड़ा नेटवर्क विकसित हो गया और अथॉरिटी,जिला प्रशासन और पुलिस इससे बेखबर कैसे रहा?सूत्रों की मानें तो इन गेस्ट हाउसों के मालिक सरकारी ओहदों पर बैठे बड़े अफसर हैं या फिर नेताओं का इनमें पैसा लगा हुआ है। इस वजह से प्रशासन व पुलिस इन पर हाथ नहीं डालती है।