नोएडा। समुदाय में बच्चों और माताओं के कुपोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन अब निक्षय मित्र भी बन गया है, उसने टीबी के 80 मरीजों को गोद लिया है। शुक्रवार को दादरी अस्पताल सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित कर 80 क्षय रोगियों को गोद लेकर पोषण पोटली प्रदान की गयी। इस अवसर पर टीबी मरीजों को बताया गया कि वह दवा के सेवन के साथ पौष्टिक आहार का सेवन जरूर करें
, यह उनको बीमारी से जल्दी ठीक होने में मदद करेगा।
इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) दादरी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. संजीव सारस्वत ने कहा- क्षय रोग लाइलाज नहीं है।
समय से जांच और इलाज हो जाए तो मरीज़ जल्दी स्वस्थ होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी हो, बुखार हो, बलगम में खून आ रहा हो, उसका वजन कम हो रहा हो तो देर न करें। अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच और उचित इलाज कराएं, जिससे टीबी को हराया जा सके। डा. सारस्वत ने अम्बुजा सीमेंट का आभार व्यक्त किया और अन्य सामाजिक संस्थाओं का आह्वान किया कि वह भी इस नेक कार्य में अपना योगदान देकर टीबी मुक्त भारत अभियान में सहयोग करें।
उन्होंने कहा- क्षय रोगियों को गोद लेने से उन्हें पोषण सामग्री तो मिलती है साथ ही सामाजिक और भावनात्मक सहयोग भी मिलता है, जो उन्हें बीमारी से जल्दी ठीक होने में मदद करता है।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के जिला समन्वयक अंबुज पांडेय ने कहा- टीबी के मरीज को किसी भी हालत में उपचार बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। अधिकतर मामलों में छह माह तक नियमित दवा खाने पर टीबी ठीक हो जाती है, लेकिन फिर भी जांच के बाद चिकित्सक की राय के बिना दवा न छोड़ें। उन्होंने सभी मरीजों के नजदीकी संपर्क वालों की भी टीबी जांच कराने की बात कही। उन्होंने अंबुजा सीमेंट का निक्षय मित्र बनने पर आभार व्यक्त किया।
अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन की टीबी न्यूट्रीकेयर प्रोग्राम की कार्यक्रम अधिकारी शिवानी रावत ने बताया- टीबी मरीजों को दी गयी पोषण पोटली में उच्च प्रोटीन युक्त सामग्री- खिचड़ी, सोयाबीन, चना, चने की दाल, प्रोटीन-विटामिन युक्त आहार हैं। इसका सेवन टीबी मरीज खुद करें, इसकी उनको ही जरूरत है। दवा के साथ उच्च पोषण युक्त आहार उनको टीबी से जल्दी ठीक होने में सहायता करेगा। शिवानी ने बताया अम्बुजा सीमेंट कम्युनिटी में जागरूकता पर काम करता है।
फाउंडेशन बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के साथ बच्चों और माताओं के कुपोषण के खिलाफ पिछले काफी समय से काम कर रहा है। इस दौरान यह महसूस किया गया कि समुदाय में कुपोषण के चलते बहुत से लोग (स्त्री-पुरुष व बच्चे) टीबी के शिकार हो रहे हैं
और उचित पोषण नहीं मिलने के कारण बीमारी से जल्दी ठीक नहीं हो पाते हैं। इन सब बिंदुओं पर फोकस करते हुए टीबी मरीजों को गोद लेने का संकल्प लिया गया। उन्होंने बताया- उनकी ओर से गोद लिये गये मरीजों को बीमारी ठीक होने तक नियमित पोषाहार उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यक्रम में जिला क्षय रोग इकाई से रविन्द्र, पवन, शिल्पा, सुमन, अनिल सीएचसी दादरी का समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
लाभार्थी शुगर सिंह, पिंकी व अंकित सहित सभी क्षय रोगी पोषण पोटली पाकर खुश नजर आये। उन्होंने कहा हम स्वास्थ्य विभाग से मिल रही दवा का नियमित सेवन कर रहे हैं। अब हमें पोषण सामग्री भी मिल गयी है। इसका सेवन करेंगे और जल्दी ही बीमारी से ठीक होंगे।