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सभी निजी चिकित्सालय आयुष्मान भारत योजना से जुड़ें

नोएडा। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य देखभाल उत्कृष्टता और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने को लेकर स्टेट एजेंसी फॉर हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) की ओर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के तत्वावधान में बृहस्पतिवार को एक कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में निजी चिकित्सालयों से आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जुड़ने की अपील की गई। इसके अलावा योजना में पहले से आबद्ध निजी चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों की समस्याओं को साचीज की प्रतिनिधि एवं स्वास्थ्य वित्तीय विशेषज्ञ प्रियंका पाठक ने सुना और उनके समाधान का आश्वासन दिया ।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने निजी चिकित्सालयों से आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जुड़ कर लाभार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की अपील की। उन्होंने कहा यदि जनपद के सभी निजी चिकित्सालय इस योजना से जुड़ जाएंगे तो लाभार्थियों को उत्तम और शीघ्र से शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने साचीज की प्रतिनिधि एवं स्वास्थ्य वित्तीय विशेषज्ञ प्रियंका पाठक का स्थानीय निजी चिकित्सकों को योजना का लाभ देने में पेश आ रही समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराया और समाधान के लिए कहा।

उन्होंने कहा योजना के तहत उपचार मुहैया कराने के मामले में जनपद प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। यहां निजी चिकित्सालयों में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं इसलिए यहां दूसरे प्रदेशों से भी लोग चिकित्सा कराने आते हैं। ऐसे में यदि सभी मल्टी स्पेशियलिटी चिकित्सालय योजना से जुड़ जाएंगे तो सेवा के मामले में जनपद और अच्छा प्रदर्शन कर सकेगा।

साचीज की प्रतिनिधि एवं स्वास्थ्य वित्तीय विशेषज्ञ प्रियंका पाठक ने योजना के बारे में विस्तार से बताया- योजना के तहत 1949 बीमारियों के पैकेज उपलब्ध हैं। योजना का लाभार्थी हिंदुस्तान में कहीं भी योजना से आबद्ध चिकित्सालय में प्राप्त किया जा सकता है। योजना के तहत प्रति वर्ष प्रति लाभार्थी परिवार को पांच लाख रुपये तक का उपचार मिलता है। उन्होंने कहा वर्ष 2018 में शुरू हुई आयुष्मान भारत योजना अब बहुत विस्तार रूप से चुकी है। इसमें मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान, बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन लेबर, ई-श्रम कार्ड धारक, पं. दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना और मान्यता प्राप्त पत्रकारों के परिवारों को जोड़ लिया गया है। उन्होंने बताया टीयर-2 में प्रदेश के 14 जिले हैं, जिसमें जनपद गौतमबुद्ध नगर शामिल है। इन जिलों में सेवा प्रदान करने वाले चिकित्सालयों को मेडिकल सेवा में 15 प्रतिशत और सर्जिकल सेवा में 18 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान किया जाता है। वर्तमान में 86 प्रतिशत क्लेम सेटलमेंट रेट है।

उन्होंने ग्रीन चैनल अस्पतालों के बारे में भी बताया- ग्रीन चैनल में प्रदेश के 60 अस्पताल हैं। यह वह अस्पताल हैं जो पिछले छह महीने से लगातार सक्रिय हैं और जिनका सेवा रिकार्ड बहुत अच्छा है। इन अस्पतालों को क्लेम करते ही आधी धनराशि दे दी जाती है। शेष धनराशि उपचार की प्रक्रिया पूरी करने पर दी जाती है। इससे अस्पताल का कैश फ्लो बना रहता है। उन्होंने कहा कोई भी अस्पताल पैकेज का गलत उपयोग न करें। उन्होंने निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों को बताया कि क्लेम करते समय किन बातों का ध्यान रखना है। उन्होंने कहा- इसके लिए स्टेंडर्ड ट्रीटमेंट गाइड लाइन का पालन करें।

जनपद में योजना के विषय में प्रियंका पाठक ने बताया- 86 प्रतिशत क्लेम सेटलमेंट किये जा चुके हैं। योजना में लाभार्थियों को लाभ देने में 89 प्रतिशत भागीदारी निजी क्षेत्र की है। यहां योजना की सभी 24 विशेष बीमारियों का उपचार उपलब्ध है। 48 प्रतिशत इनवार्ड पोर्टेबिलिटी है यानि बाहर के जिलों और प्रदेशों से लोग उपचार के लिए आते हैं।
अस्पतालों के बाहर उपलब्ध सुविधाओं को डिस्प्ले करें

साचीज की प्रतिनिधि ने निजी चिकित्सालयों के प्रतिनिधियों से अपील की कि वह अस्पताल परिसर में उन सुविधाओं का डिस्प्ले करें जो उनके अस्पताल में मुहैया करायी जा रही हैं। डिस्प्ले से योजना के लाभार्थी को आसानी से पता चल जाएगा कि उन्हें जो सुविधा चाहिए वह योजना के तहत यहां उपलब्ध है अथवा नहीं।

योजना से चिकित्सालय को जोड़ने के लिए किसी एजेंट के झांसे में न आये प्रियंका पाठक ने प्रतिनिधियों से विशेष आग्रह किया कि वह अपने अस्पताल को योजना से आबद्ध कराने के लिए किसी भी एजेंट का सहारा न लें। सीधे प्रक्रिया का पालन करें। यदि इस काम के लिए कोई धन की मांग करता है तो साचीज को सूचित करें।

अब ऑथराइजेशन की जरूरत नहीं उन्होंने बताया अब अस्पताल में भर्ती करने के लिए आयुष्मान कार्ड के ऑथराइजेशन की अनिवार्यता खत्म कर दी गयी। अब लाभार्थी को सीधे भर्ती किया जा सकता है।

कार्यशाला के अंत में प्रतिनिधियों ने योजना के तहत पेश आ रही अपनी-अपनी समस्याएं बतायीं। इस अवसर पर योजना के मेडिकल कंसलटेंट डा. अभय, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ललित कुमार, योजना के नोडल अधिकारी डा. पवन कुमार, शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के राकेश ठाकुर, अनामिका चौहान ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डा. अजय कुमार ने किया।

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