Noida Authority
इस खबर को जरा ध्यान से पढ़ियेगा, क्योंकि इस खबर में भ्रष्टाचार और उस पर सरकारी उदासीनता की बेरहम कहानी है…
Noida में वाहनों की भारी संख्या से लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए Noida Authority ने एक प्लान बनाया.. प्लान ये था कि Noida के बॉटनिकल गार्डेन मेट्रो स्टेशन के पास एक मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाएगी.. इससे दिल्ली एनसीआर में काम करने वाले लोग यहां अपनी गाड़ी पार्क करके आगे का सफर मेट्रो से कर सकेंगे.. इससे पब्लिक कंवेंस को भी बढ़ावा मिलेगा…
Noida Authority ने प्लान के मुताबिक नोएडा के बॉटनिकल गार्डेन मेट्रो स्टेशन के पास एक मल्टीलेवल पार्किंग बनाया.. 2020 में इस पार्किंग का उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया.. इसके बाद इसके ऑपरेटिंग का जिम्मा एक निजी कम्पनी को देकर Noida Authority ने इसे जनता को सौंप दिया .. इस पार्किंग में एक साथ सात हजार गाड़ियां पार्क की जा सकती हैं.. अब खेला यहां से शुरू होता है..
. जिस कम्पनी को इस पार्किंग के ऑपरेशन का जिम्मा मिला था उसने अपनी कमाई करने के लिए इस पार्किंग का लगभग 90% हिस्सा दूसरी बड़ी कार कम्पनियों जैसे स्कोडा, किआ, एमजी, टोयोटा, टाटा, डाटसन, होंडा कार्स24 और ब्लू टैक्सी को दे दिया.. अब ये कम्पनियां इस पार्किंग का इस्तेमाल अपनी कारों के गोदाम की तरह कर रही हैं… सूरतेहाल ये है कि सिर्फ 700 गाड़ियों के बाद यहां की पार्किंग फुल हो जा रही है… मतलब जिस पार्किंग में सात हजार कारें पार्क करने की क्षमता है, वहां सिर्फ 700 कारें पार्क हो रही हैं… और इसे ऑपरेट करने वाली कम्पनी इसके बाकी हिस्से को भाड़े पर उठाकर मोटा मुनाफा कमा रही है..
.हैरानी की बात ये है कि ये सब Noida Authority की स्वीकृति से हो रहा है… कम्पनी मस्त है, जनता त्रस्त हैं, और अथॉरिटी कागजों में कहीं गुम है. स्थिति ये है कि अगर आप 11 – 12 बजे तक आ जाएंगे तो आपको पार्किंग मिल जाएगी, इसके बाद आने पर आपको मिलेगा ‘पार्किंग फुल’ का बोर्डनोएडा Noida Authority द्वारा बनाई गई इस पार्किंग के संचालन का ठेका फिलहाल एमजी इंफ्रा सॉल्यूशन नामक निजी कंपनी केपास है. इस बारे में बात करने पर एमजी इंफ्रा सॉल्यूशन ने बताया कि ‘’कंपनी को हर महीने Noida Authorityको 18 से 20 लाख रुपए किराए के रूप में देना होता है लेकिन इस पार्किंग में ज्यादा गाड़ियां नहीं आती थीं इसलिए इसकी ज्यादातर जगह खाली रह जाती थी और यह घाटे में चल रही थी. इसलिए हमने कार कंपनियों के डीलर्स को यह जगह दे दी है
इस बारे में हमने Noida Authority को भी जानकारी उपलब्ध कराई है और उनसे स्वीकृति भी ली है.”मतलब साफ है कि नोएडा अथॉरिटी को हर महीने 18-20 लाख रुपया किराया चाहिये, जो उसे मिल रहा है, संचालन कम्पनी को मुनाफा कमाना है जो वो कमा रही है.. जनता को पार्किंग चाहिये जो उसे नहीं मिल रहा है…
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