Noida Authority 80 किसानों को दस प्रतिशत विकसित प्लॉट देने का दावा,किसानों ने कोर्ट में दी चुनौती
Noida राज्य सरकार ने गंदगी को रोकने के लिए कई कदम उठाए और जनता को आश्वासन दिया कि सभी विशेषज्ञों का ध्यान केंद्रित किया गया है। फिर भी Noida Authority में फैले भ्रष्टाचार पर काबू नहीं पाया जा सका।हाई कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी में फैले भ्रष्टाचार पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि Noida Authority के एक-दो अधिकारी ही नहीं, पूरा ढांचा गंदगी में डूबा हुआ है.इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि Noida Authority में अब तक सीएजी, आयकर, विजिलेंस, एसआईटी के अलावा भी विभागीय स्तर पर 43 जांच चल चुकी हैं।
इसके अलावा भी कई मामलों की जांच लोक प्राधिकार स्तर पर की जा रही है. पांच साल में 170 से ज्यादा अधिकारियों और प्रतिनिधियों को प्रतिकूल सजा दी गयी. सात अधिकारियों व कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. ऐसा ही एक मामला नोएडा के दो शहरों का है जहां नोएडा अथॉरिटी ने 80 किसानों को 10 फीसदी जमीन देने का दावा किया है, जबकि अब तक किसी भी किसान को कुछ नहीं मिला है.
लेकिन Noida Authority ने कागजी दस्तावेजों में दो गांव सदरपुर और झट्टा के 80 किसानों को दस प्रतिशत विकसित प्लॉट प्राधिकरण द्वारा दिए जाने का दावा किया।
इसके संबंध में सुप्रीम कोर्ट में प्राधिकरण के भूलेख विभाग की तरफ से शपथ पत्र भी जमा किया गया है। इस शपथ पत्र को फर्जी बताते हुए सदरपुर गांव से 11 किसानों ने चुनौती दी है। कहा है कि जिन किसानों के नाम शपथ पत्र में शामिल किए गए है, उनमें से एक को भी प्लॉट का आवंटन नहीं हुआ है।मामला सीईओ डॉ. लोकेश एम के संज्ञान में आने के बाद इस मामले की विभागीय जांच के निर्देश दिए है।
सबसे हैरानी की बात ये है इतना बड़ा मामला होने के बावजूद प्राधिकरण विधि अधिकारियों ने इसे दबाने का प्रयास किया।
इस प्रकरण में शहदरा गांव निवासी भीम सिंह ने बताया कि किसानों को 10 प्रतिशत विकसित प्लॉट नहीं देने पर वर्ष 2022 में प्राधिकरण के खिलाफसुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला दर्ज करवाया गया था।
आगे बताया कि किसी भी किसान को आज तक दस प्रतिशत का विकसित प्लॉट नहीं दिया गया। जबकि शपथ पत्र में भूलेख विभाग के तत्कालीन ओएसडी (डी) प्रसून द्विवेदी, उपजिलाधिकारी (वी) वंदना त्रिपाठी, लेखपाल मनोज कुमार सिंघल, लेखपाल महेश कुमार, लेखपाल मुकुल कुमार, लेखपाल विनय कुमार, लेखपाल प्रवेश कुमार दीक्षित ने हस्ताक्षर है।
Noida Authorityके इस फर्जी शपथ पत्र पर सदरपुर के किसान महेंद्र, हरपाल (मृत्यु), राम निवास, रूबी, चरण सिंह, रणधीर, नेमवती, सुरेश, महेश, विजय ने 24 जनवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी।
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