नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद मेट्रो रूट की संशोधित डीपीआर
शासन को भेज दी गई है। अब शासन स्तर से फंडिंग पैटर्न और निजी जमीन पर फैसला होगा। शासन
से संशोधित डीपीआर को अप्रुवल मिलने के बाद ही इसका काम आगे बढ़ेगा। जीडीए ने संशोधित
डीपीआर स्वीकृति के लिए शासन को भेज दी है कि लेकिन इस प्रोजेक्ट में निजी जमीन बाधा बन
सकती है।
प्रोजेक्ट के लिए 26,691.30 वर्गमीटर जमीन की जरूरत है। इसमें 7,690.10 वर्गमीटर निजी
जमीन और 19,001.20 वर्गमीटर सरकारी जमीन आ रही है। इसमें वैभवखंड में 543.7 वर्ग मीटर,
डीपीएस इंदिरापुरम में 1046.4 वर्ग मीटर, शक्तिखंड में 1152.1 वर्ग मीटर, वसुंधरा सेक्टर सात में
1018 वर्ग मीटर जमीन है।
इंदिरापुरम व वसुंधरा में सर्किल रेट ज्यादा होने के चलते यहां 7,690.10
वर्गमीटर निजी जमीन खरीदना जीडीए के लिए चुनौती होगा। आर्थिक तंगी से जूझ रहे जीडीए के लिए
मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक की निजी जमीन खरीदना बेहद मुश्किल होगा। यह
प्रोजेक्ट 1,873.13 करोड़ रुपये में पूरा होगा।
5.017 किलोमीटर लंबे इस रूट पर पांच स्टेशन वैभव खंड,
डीपीएस इंदिरापुरम, शक्तिखंड, वसुंधरा सेक्टर-सात और साहिबाबाद मेट्रो स्टेशन होंगे। हर स्टेशन पर
जीडीए को निजी जमीन की जरूरत पड़ेगी। जीडीए के मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह ने बताया कि
संशोधित डीपीआर शासन को भेज दी है। शासन स्तर से जो निर्देश होगा, उसके अनुसार आगे की
कार्रवाई होगी।