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औद्योगिक सेक्टर की अधूरी छह सड़कों का काम शुरू

यमुना प्राधिकरण के औद्योगिक सेक्टर-32 और 33 की अधूरी छह
सड़कों पर काम शुरू हो गया है। इसमें सेक्टर 32 में दो और सेक्टर-33 में चार सड़कें हैं। सड़कों का काम अधूरा होने से सीवर और ड्रेनेज के काम भी नहीं हो रहे थे।

प्राधिकरण क्षेत्र में छह औद्योगिक
इकाइयों में उत्पादन शुरू हो चुका है। दर्जनभर से अधिक औद्योगिक इकाइयों का निर्माण चल रहा है।
इसको देखते हुए यहां के विकास कार्यों में भी तेजी लाई जा रही है। औद्योगिक सेक्टर की सड़कों को
दुरुस्त किया जा रहा है। सेक्टर-32 और 33 की छह सड़कें अधूरी थीं। सड़कें अधूरी होने से विकास कार्य
में बाधा आ रही थी। यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस बाधा को दूर करने का निर्णय लिया और
इन मामलों को निपटाते हुए सड़कों के निर्माण का काम शुरू कराया।

इन सड़कों का काम रुका था : सेक्टर-32 की 75 मीटर चौड़ी रोड करीब 362 मीटर लंबी है। इसी सेक्टर
में 24 मीटर चौड़ी रोड करीब 80 मीटर लंबी है। इनका काम रुका हुआ है। इन सड़कों के बीच
चकवीरमपुर की जमीन आ रही है। किसानों से बात करके इसको निपटा लिया गया है। इसी तरह सेक्टर-
33 की 100 मीटर चौड़ी सड़क और 24 मीटर चौड़ी तीन सड़कों का काम रुका हुआ था। 100 मीटर
चौड़ी सड़क करीब 200 मीटर और 24 मीटर चौड़ी सड़कें 80 से 180 मीटर तक लंबी हैं। किसानों से
वार्ता करके इन सड़कों का काम भी शुरू कराया गया है। सड़कों के साथ ही सीवर और नाली का काम
चल रहा है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि अधूरी सड़कों का निर्माण कार्य
पूरा कराया जा रहा है।

किसानों को भूखंड देने के लिए जमीन खोजी : किसानों को आबादी के भूखंड देने के लिए ग्रेटर नोएडा
प्राधिकरण को इटैड़ा गांव में 6.5 एकड़ जमीन मिल गई है। यहां कई गांवों के किसानों को आबादी के
भूखंड दिए जा सकेंगे। किसान लंबे समय से आबादी के भूखंड की मांग उठा रहे हैं। इसके लिए
प्राधिकरण की जमीन तलाशने की जिम्मेदारी सीईओ एनजी रवि कुमार ने एसीईओ सुनील कुमार सिंह
को सौंपी थी।

विशेषज्ञ एजेंसी से अनुबंध की तैयारी : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की काफी जमीन अभी उसके कब्जे में
नहीं है। भूमि विभाग को इसकी जानकारी नहीं है कि उसकी जमीन कहां-कहां पर है। इस जमीन का पता
लगाने के लिए कई बार प्रयास हुए, लेकिन अब तक सही डाटा नहीं मिल पाया है। ग्रेटर नोएडा
प्राधिकरण बहुत जल्द किसी विशेषज्ञ एजेंसी से एमओयू करेगा। यह एजेंसी आधुनिक तकनीक से
प्राधिकरण की जमीन का पता लगाएगी।

प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि जल्द ही विशेषज्ञ एजेंसी से अनुबंध किया जाएगा।

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