नोएडा। जनपद में क्रिसमस और नये साल के जश्न के लिए कार्यक्रमों का दौर शुरू होने जा रहा है, मॉल व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा और उसमें भीड़ जुटेगी। ऐसे में कोविड को लेकर एहतियात बरतने की जरूरत है। नोएडा में एक और गाजियाबाद में कोविड के दो केस मिलने के बाद यह और भी जरूरी हो गया है। हालांकि कोविड को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है लेकिन एहतियात बरतना ही हितकर है। यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार शर्मा ने शुक्रवार को कही।
सीएमओ ने कहा- हालांकि जनपद में अभी कोविड का एक ही केस संज्ञान में आया है। फिर भी सावधानी जरूरी है। इसलिए सभी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी स्थिति में पैनिक होने के जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा 25 दिसम्बर क्रिसमस और नये साल के जश्न में शरीक होने पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूर करें। भीड़ में जाने पर एहतियातन मास्क लगाएं और आपस में दूरी बनाकर रखें। उन्होंने कहा- कोविड को लेकर स्वास्थ्य विभाग की सभी तैयारियां पूरी हैं, लेकिन आमजन को भी चाहिए कि वह इसको लेकर सतर्क रहे।
सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर है जांच की सुविधा
सीएमओ ने बताया- जिला अस्पताल, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोविड की जांच की सुविधा उपलब्ध है। फ्लू अथवा कोविड के लक्षण नजर आने पर तुरंत जांच कराएं। उन्होंने बताया- कोविड के मामले में वेरिएंट का पता लगाने के लिए नमूना उच्च तकनीकी लैब दिल्ली और किंग जार्ज मेडिकल इंस्टीट्यूट लखनऊ भेजा जाता है। जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट करीब दस दिन में प्राप्त होती है। नोएडा में मिले कोरोना संक्रमित का जांच नमूना भी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है।
स्वयं न लें दवा
डा. सुनील शर्मा ने कहा है कि आमतौर पर खांसी-जुकाम होने पर लोग स्वयं केमिस्ट से दवा ले लेते हैं। स्वयं दवा लेने से बचना चाहिए। खांसी-जुकाम अथवा फ्लू जैसे लक्षण नजर आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श करें। परामर्श के अनुसार जांच कराएं और उपचार लें।
कोमोरबिड मरीजों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डा. ललित कुमार का कहना है कि अभी जनपद में कोविड का जो मरीज मिला है, उसमें माइल्ड इंफेक्शन है। उसका उपचार घर पर ही चल रहा है। उसका नमूना लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर ही वेरियंट का पता चल सकेगा। उन्होंने कहा- किसी तरह के संक्रमण से उन लोगों को बचना चाहिए जो पहले से किसी बीमारी (कोमोरबिड) शुगर, टीबी, कैंसर, अस्थमा या किसी घातक बीमारी से ग्रसित हैं, ऐसे लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। इन लोगों को किसी भी हालत में अपनी नियमित दवा का सेवन नहीं छोड़ना चाहिए।
डा. ललित का कहना है कि वैसे तो किसी भी तरह के संक्रमण का खतरा उन्हीं लोगों को ज्यादा रहता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून पावर) कम होती है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए खासतौर पर इम्यून पावर पर ध्यान देना चाहिए। खानपान व व्यायाम पर ध्यान देकर और हेल्दी लाइफ स्टाइल से इम्यून पावर बढ़ाई जा सकती है। इम्यून पावर बनाए रखने के लिए शराब, धूम्रपान, किसी तरह के नशे-व्यसन इत्यादि से बचना चाहिए।गौरतलब है कि केरल सहित दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों में कोरोना के केस बढ़ने के बाद केन्द्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को सतर्कता बरतने को कहा गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की सलाह है कि अभी से सतर्क और सावधान रहकर कोविड संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
बरतें सावधानी
(1)भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।
(2)सामाजिक दूरी बनाएं रखें
मास्क लगाएं।
(3)बाहर से घर आने पर साबुन-पानी से हाथ जरूर धोएं
खांसी-जुकाम, फ्लू जैसे लक्षण होने पर कोविड जांच कराएं