गठिया का खतरा
Noida सर्दियों के मौसम में रुमेटॉइड गठिया के मरीजों की समस्याएं बढ़ी हैं।ठंड और नमी इस रोग को बढ़ाने के लिए एक मुख्य कारण बनते हैं। इसलिए इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए।
सीनियर रूमटोलॉजिस्ट डॉक्टर किरण सेठ ने बताया कि रुमेटॉलॉजिस्ट सर्दियों में जोड़ों की अकड़न और सूजन बढ़ती है। इसलिए मरीजों को गर्म रहना, नियमित हल्की एक्सरसाइज करना और दवा समय पर लेना बेहद जरूरी है। शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें। रुमेटॉइड गठिया यह एक ऑटोइम्यून रोग है। जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने जोड़ों पर हमला करती है। रुमेटॉइड गठिया के मुख्य कारणों में आनुवंशिक प्रवृत्ति, हार्मोनल बदलाव और वातावरणीय कारक शामिल हैं। सर्दियों में ठंड और नमी जोड़ों की सूजन और अकड़न को बढ़ा देती है। लंबे समय तक बैठे रहने और कम शारीरिक गतिविधि भी लक्षणों को गंभीर बना सकती है।
रुमेटॉइड गठिया के लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं। शुरुआती लक्षणों में जोड़ों में सूजन, अकड़न और दर्द शामिल हैं। विशेषकर सुबह उठते समय या लंबे समय तक बैठे रहने के बाद अकड़न अधिक महसूस होती है। इसके अलावा मरीजों को थकान, बुखार, वजन घटने और सामान्य कमजोरी जैसी समस्याएं भी होती हैं। सर्दी में ठंडी हवाएं और नमी जोड़ों के लक्षणों को बढ़ा देती हैं। यह रक्तसंचार को प्रभावित कर मांसपेशियों और जोड़ों की लचीलेपन को कम करती है। नतीजतन, मरीजों को अधिक दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। रुमेटॉइड गठिया का कोई स्थायी इलाज नहीं है। लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। रोग नियंत्रण के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं, रोग-नियंत्रक दवाएं और दर्द कम करने वाली दवाएं लिखते हैं।
फिजियोथेरेपी और नियमित हल्की व्यायाम जैसे योग या स्ट्रेचिंग भी जोड़ों की लचीलापन बढ़ाने में मदद करते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षणों के अनुसार भारत में लगभग 0.5 प्रतिशत से 1 प्रतिशत लोग रुमेटॉइड गठिया से प्रभावित हैं।यह संख्या महिलाओं में पुरुषों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक पाई जाती है। सर्दियों में इन मरीजों की अस्पताल में आने की संख्या 20-30 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार 40-60 वर्ष की आयु वर्ग में यह रोग अधिक आम है। सर्दियों में रुमेटॉइड गठिया के लक्षणों में बढ़ोतरी एक सामान्य चुनौती है। सही देखभाल, सक्रिय जीवनशैली और समय पर चिकित्सीय सलाह से इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। जोड़ों की सुरक्षा और जीवन की गुणवत्ता बनाए रखना इस मौसम में सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
रुमेटॉइड गठिया के लक्षण
● जोड़ों में सूजन और दर्द
● सुबह की अकड़न
● थकान और कमजोरी
● जोड़ों की गर्माहट और लालिमा
● जोड़ों की अस्थिरता और चलने में कठिनाई
● हल्का बुखार, भूख कम लगना, वजन घटना
● कुछ मामलों में त्वचा पर सूजन वाली गांठ
बचाव और रोकथाम
● ऊनी कपड़े, दस्ताने और मोजे पहनकर जोड़ों को ठंड से बचाएं
● हल्की एक्सरसाइज से रक्तसंचार बढ़ता है और जोड़ों में अकड़न कम होती है।
● कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार, मछली, दूध और हरी सब्जियों का सेवन जरूरी है।
● तनाव हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है, जो सूजन बढ़ाता है। ध्यान, मेडिटेशन. स्ट्रेचिंग सहायक है।
● समय-समय पर डॉक्टर से जांच कर दवा की डोज और उपचार योजना को अपडेट करना जरूरी है।
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