नोएडा में एक कलयुगी मां ने अपने नवजात को मरने के लिए नाले के पास फेंक दिया। लेकिन वो कहते हैं ना कि जाको राखे साइयां मार सके न कोय, बाल न बांका करि सके जो जग बैरी होय। इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया नोएडा की पुलिस ने। पुलिस ने उस बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया और उसकी जान बचाई।
नाले के किनारे फेंक दिए गए एक नवजात शिशु के लिए गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस देवदूत साबित हुई। गंभीर स्थिति में पुलिस ने नवजात शिशु को तुरंत एक निजी अस्पताल में भर्ती करा कर उसकी जान बचाई। आशंका व्यक्त की जा रही है कि किसी कुंवारी मां ने लोक-लाज के भय से प्रसव के बाद बच्चे को मरने के लिए नाले के किनारे फेंक दिया था।
थाना फेस-3 प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि बीती रात्रि पुलिस गश्त पर थी। इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि मामूरा गांव के पास नाले के किनारे कपड़े में लिपटा हुआ एक बच्चा रो रहा है। सूचना के आधार पर वह तुरंत मौके पर पहुंची और बच्चे के बारे में आसपास में पूछताछ की। लेकिन परिजनों के बारे में कुछ पता नहीं चला। नाले के किनारे खुले में पड़े रहने के कारण बच्चे की हालत काफी नाजुक थी। बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे तुरंत कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चिकित्सकों ने बच्चे को आईसीयू में एडमिट कर उसका उपचार किया। फिलहाल बच्चे की हालत खतरे से बाहर है। जन्म लेते ही बच्चे को मरने के लिए नाले के किनारे फेंक देने वाली कलयुगी मां को सभी लोग कोस रहे हैं।
वहीं नवजात शिशु की जान बचाने वाले पुलिसकर्मियों व चिकित्सकों की शहरवासी सराहना कर रहे हैं।