भूमि विवाद
Noida उप रजिस्ट्रार कार्यालय में रोजाना सैकड़ों बैनामे/रजिस्ट्री हो रही है कुछ संगठित सक्रिय गिरोह इनमें कुछ जाली दस्तावेजों के आधार पर बैनामे में यूनिक कोड दर्ज किये बिना ही जमीन की रजिस्ट्री करवा रहे हैं इससे न केवल वास्तविक भूमि मालिकों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
बल्कि खरीदार भी कानूनी उलझनों में फंसने के साथ-साथ धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं। जिस कारण भूमि विवादों की संख्या शहर में लगातार बढ़ रही हैं।उपरोक्त के सम्बन्ध में सौहरखा गांव के रवि यादव ने आरटीआई के तहत उप रजिस्ट्रार द्वितीय नोएडा से जानकारी प्राप्त करनी चाही परन्तु उप रजिस्ट्रार द्वितीय नौएडा द्वारा गोल मोल जानकारी देने पर राजस्व परिषद लखनऊ से आरटीआई के तहत यह जानकारी मांगी थी कि प्रदेश के समस्त उप निबंधकों को बैनामा अभिलेख में विक्रय की जा रही भूमि के 16 अंक के यूनिक कोड को बैनामा/हस्तान्तरित/रजिस्ट्री में अनिवार्यतः अंकित/लिखे जाने सम्बन्धी कोई पारित आदेश कार्यालय राजस्व परिषद लखनऊ से जारी हुआ है तो उसकी एक छायाप्रति उपलब्ध करायें।
जवाब में कार्यालय लखनऊ राजस्व परिषद विभाग द्वारा परिषदादेश सन् 2017 की एक छायाप्रति उपलब्ध कराई हैं जिसमें बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारियों का पता लगा।इस परिषदादेश के प्रस्तर-3 में स्पष्ट लिखा है कि विधि के अन्तर्गत केवल संक्रमणीय अधिकार वाले भूमिधर को ही भूमि का विक्रय करने का अधिकार है।
जिन भूखण्डो के यूनिक कोड के अन्तिम दो अंक 12 अथवा 62 नहीं है उनका क्रय-विक्रय अथवा अन्तरण किया जाना नियमनुसार सम्भव नहीं है तथा प्रदेश के समस्त उप निबंधकों को बैनामे में विक्रय की जा रही भूमि के 16 अंक के यूनिक कोड को बैनामा अभिलेख में लिखना अनिवार्यतः अंकित किये जाने व बैनामा के पंजीकरण के समय भूमि के यूनिक कोड के 15 वें व 16 वें अंक की गहनता से जांच कर लिये जाने के सम्बन्ध में उक्त परिषदादेश महानिरीक्षक, स्टाम्प एवं निबन्धन को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है।
रवि यादव का कहना है कि उन्होंने यह आरटीआई जनहित में इसलिए लगाई थी ताकि भूमि की खरीद फरोख्त करने वाले लोगों को इस बाबत सही जानकारी मिले और संपत्ति खरीदते समय सजग रहें सावधानी बरतें।