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कार्यशाला में स्वास्थ्य-स्वच्छता विभाग के 12 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया

स्कूलों में स्वास्थ्य-स्वच्छता और कल्याण संबंधी जागरूकता जरूरी

नोएडा। आयुष्मान भारत- स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम (स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के अंतर्गत स्कूली बच्चों- किशोरों में स्वास्थ्य-स्वच्छता एवं कल्याण संबंधी जागरूकता पैदा करने और विद्यालय स्तर पर संचालित स्वास्थ्य गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में 11 से 14 मार्च तक एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार शर्मा ने कहा- स्कूलों में स्वास्थ्य-स्वच्छता संबंधी जागरूकता होना जरूरी है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत आप सभी इस संदेश को पूरी ईमानदारी के साथ शिक्षकों व विद्यार्थियों तक पहुंचाए। उन्होंने उम्मीद जाहिर की प्रशिक्षण के दौरान मिली जानकारियां विद्यार्थियों से साझा करेंगे।

कार्यशाला में स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग के 12 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला के समापन अवसर पर सीएमओ ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) – डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीईआईसी) की प्रबंधक रचना वर्मा ने बताया- बच्चों के समग्र शैक्षणिक विकास में स्वास्थ्य एवं पोषण की सकारात्मक भूमिका जरूरी है। इसी के मद्देनजर आयुष्मान भारत कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम शुरू किया गया है।

स्वास्थ्य-स्वच्छता

कार्यक्रम के तहत विद्यालयों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों-किशोरों में स्वास्थ्य-स्वच्छता संबंधी जागरूकता पैदा करना तथा विद्यालय स्तर पर संचालित स्वास्थ्य गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है।

स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विद्यालय से दो शिक्षकों एक महिला व एक पुरुष को हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर के रूप में नामित किया जाएगा। उन्हें स्वास्थ्य व्यवहार को बढ़ावा देने और रोगों की रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर हर सप्ताह एक घंटे रोचक गतिविधियों के माध्यम से सत्र आयोजित करेंगे। प्रत्येक कक्षा से दो नामित छात्र इन स्वास्थ्य संवर्धन संदेशों को समाज तक पहुंचाने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस मैसेंजर के रूप में कार्य करेंगे।

उन्होंने बताया- इस प्रशिक्षण में मुख्य रूप से किशोर स्वास्थ्य पोषण, मादक द्रव्यों के दुरुपयोग, एचआईवी, इंटरनेट के उपयोग आदि 11 विषयों पर प्रशिक्षण के साथ चर्चा की गई।

उन्होंने बताया- स्वास्थ्य विभाग के आठ और शिक्षा विभाग के चार प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। आरबीएसके के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ललित कुमार, डा. अलताफ, डा. केके शर्मा, डा. अशोक और डीईआईसी की प्रबधक रचना वर्मा, ने मुख्य रूप से प्रशिक्षण दिया।

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