नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जल्द संचालन योग्य बनाने की दिशा में तैयारियां निर्णायक चरण में पहुंच चुकी हैं। एयरोड्रम लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक सुरक्षा और तकनीकी सुविधाओं के विकास को तेज कर दिया गया है। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के अधिकारी कर रहे हैं।
एयरपोर्ट परिसर में एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए कंक्रीट वॉच टावर, टर्मिनल भवन की सुरक्षा व्यवस्था, प्रवेश और निकास द्वारों की कार्यप्रणाली समेत सभी जरूरी मानकों को दुरुस्त किया जा रहा है। साथ ही यात्रियों की सुविधा से जुड़े सिस्टम का ट्रायल भी लगातार किया जा रहा है, ताकि संचालन के समय किसी तरह की परेशानी न हो।
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्य नाथ जी द्वारा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का स्थलीय निरीक्षण किया गया था। इसके बाद हुई समीक्षा बैठक में एयरोड्रम लाइसेंस को लेकर समयसीमा तय करने पर चर्चा हुई थी, हालांकि नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बकास) से सुरक्षा मंजूरी अभी शेष है, जिसके चलते प्रक्रिया में कुछ विलंब हो रहा है।
बताया जा रहा है कि बकास की प्रारंभिक रिपोर्ट में वॉच टावर के निर्माण, टर्मिनल के सभी गेट्स के संचालन और कुछ सुरक्षा प्रावधानों को लेकर आपत्तियां दर्ज की गई थीं। इन सभी बिंदुओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है और कमियों को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस संबंध में YEIDA के सीईओ राकेश कुमार सिंह का कहना है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रदेश और देश की महत्वाकांक्षी परियोजना है। एयरोड्रम लाइसेंस और सुरक्षा से जुड़ी सभी आवश्यक स्वीकृतियों के लिए डीजीसीए और बकास के साथ निरंतर समन्वय किया जा रहा है। सभी शर्तें पूरी होते ही सुरक्षा मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
एयरपोर्ट प्रबंधन का दावा है कि जैसे ही बकास से एनओसी प्राप्त होगी, एयरोड्रम लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के व्यावसायिक संचालन का रास्ता साफ हो जाएगा।
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