हिमाचल प्रदेश के नेचर पार्क के अंदर कुछ कस्तूरी हिरन
नोएडा: पर्यावरण में किसी एक प्रजाति का लुप्त हो जाना बड़ा महत्व रखता है , लेकिन एक ऐसी प्रजाति के लुप्त होने की स्तिथि आने पर भी सरकार ने अपनी आँखें मूंदी हुई है। इस प्रजाति का नाम है कस्तूरी हिरन। इसके बारे में पहले भी नोएडा के पर्यावरण कार्यकर्ता श्री रंजन तोमर आवाज़ उठा चुके हैं। गौतरलब है की आज देश में गिने चुने ही कस्तूरी हिरन बचे हैं। कुफरी ,हिमाचल प्रदेश के नेचर पार्क के अंदर कुछ कस्तूरी हिरन बचे हैं |
अन्य गिने चुने जंगलों में अपना अंतिम समय गुज़ार रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार 1995 -96 से लेकर 2022 -23 तक कई बार कैप्टिव ब्रीडिंग अर्थात प्रजनन की कोशिश करवाई गई है लेकिन वह काफी हद तक असफल रही है। जहाँ 1995 – 96 में तीन नर और 2 मादा हुआ करती थी लेकिन 1996 में तीनों नरों की मृत्यु हो गई , सं 2000 में जब एक नर लाया गया तब तक दोनों मादा की भी मृत्यु हो गई, तब से लेकर 2022 -23 तक सरकार मादाओं को प्रजनन हेतु नहीं ला पायी है, आज भी कुफरी में मात्र एक नर कस्तूरी हिरन बचा है।
श्री रंजन तोमर ने कहा कि चिड़ियाघर और केंद्रीय सरकार को इस बाबत ज़रूरी कदम उठाने होंगे।चाहे तो जंगल से या विदेश से कस्तूरी मादा लानी चाहिए ,जिस प्रकार चीता प्रजाति की पुनर्स्थापना हुई उसी प्रकार कस्तूरी हिरन को बचाना भी आवश्यक है। यह हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है। इस बाबत श्री तोमर मंत्रालय को पत्र लिखकर सफाई मांगेंगे और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से भी संपर्क करेंगे।
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