आईजीआरएस मामलों में लापरवाही
Noida एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) के प्रकरणों के समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में लगातार लापरवाही बरतने पर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने कड़ा कदम उठाया है।
निर्देशों की अवहेलना और शिकायतों के लंबित रहने को गंभीर मानते हुए आठ वरिष्ठ अधिकारियों के वेतन आहरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।प्राधिकरण द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संबंधित विभागाध्यक्षों को बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद उनके विभागों में 12 से अधिक प्रकरण लंबित पाए गए, जिसके चलते उन्हें ‘डिफॉल्टर’ की श्रेणी में रखा गया है। जन शिकायतों के निस्तारण में सुस्ती को अत्यंत आपत्तिजनक मानते हुए यह कार्रवाई की गई है।

सीईओ के आदेश के बाद क्रांति शेखर सिंह, विशेष कार्याधिकारी (ग्रुप हाउसिंग),अरविन्द कुमार सिंह, विशेष कार्याधिकारी (भूलेख),ए.के. अरोड़ा, महाप्रबंधक (सिविल),एस.पी. सिंह, महाप्रबंधक (सिविल),आर.पी. सिंह, महाप्रबंधक (जल),मीना भार्गव, महाप्रबंधक (नियोजन),प्रिया सिंह, सहायक महाप्रबंधक (औद्योगिक) और संजीव कुमार बेदी, सहायक महाप्रबंधक (आवासीय भूखंड) के वेतन पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई गयी है। इसके अलावा एम पी 1 सेक्टर 4 में गंदगी पाये जाने के कारण क्षेत्र के सफाई सुपरवाईजर विवेक का एक माह का वेतन रोके जाने का भी निर्देश दिया गया है। नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम ने स्पष्ट किया है कि जनहित से जुड़े मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आईजीआरएस के तहत प्राप्त शिकायतें सीधे जनता की सुविधाओं, समस्याओं और अधिकारों से जुड़ी होती हैं, ऐसे में उनका समय पर निस्तारण सर्वोच्च प्राथमिकता है। आदेश में यह भी कहा गया है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही पाए जाने पर और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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